केंद्र सरकार ने छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में ₹195 करोड़ की सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। जानें कैसे ये परियोजनाएं स्थानीय विकास, सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि में योगदान करेंगी।
छत्तीसगढ़ के माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में बुनियादी ढांचे की कमी और सुरक्षा चुनौतियों के कारण विकास की गति धीमी रही है। इन क्षेत्रों में सड़क संपर्क की स्थिति सुधारने के लिए केंद्र सरकार ने वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए ₹195 करोड़ की सड़क परियोजनाओं को मंजूरी दी है। यह पहल न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार लाएगी, बल्कि स्थानीय विकास, सुरक्षा और आर्थिक समृद्धि में भी योगदान करेगी।
परियोजना का उद्देश्य और महत्व:
केंद्र सरकार द्वारा स्वीकृत ₹195 करोड़ की राशि का उद्देश्य माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सड़क संपर्क को सुदृढ़ करना है। इसमें ₹190.61 करोड़ का उपयोग भौतिक कार्यों जैसे ग्रामीण सड़कों, पुलों और क्रॉस-ड्रेन संरचनाओं के निर्माण और उन्नयन में किया जाएगा, जबकि ₹4.38 करोड़ का उपयोग प्रशासनिक कार्यों, निगरानी, मूल्यांकन और क्षमता निर्माण में किया जाएगा। यह परियोजना दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, नारायणपुर, कांकेर, बस्तर, राजनांदगांव, बलरामपुर, कोंडागांव और जशपुर जैसे जिलों में कार्यान्वित की जाएगी।
स्थानीय विकास में योगदान:
- सड़क संपर्क में सुधार: सभी मौसम में चलने योग्य सड़कों का निर्माण और मौजूदा मार्गों का उन्नयन दूरस्थ क्षेत्रों को मुख्यालयों, स्वास्थ्य केंद्रों, स्कूलों और बाजारों से जोड़ने में मदद करेगा।
- सार्वजनिक सेवाओं की पहुंच: बेहतर सड़क संपर्क से सरकारी योजनाओं और सेवाओं की अंतिम छोर तक पहुंच सुनिश्चित होगी, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में जीवन स्तर में सुधार होगा।
- आर्थिक अवसरों का सृजन: सड़क संपर्क में सुधार से व्यापार, कृषि और अन्य आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था सशक्त होगी।
सुरक्षा और शांति निर्माण में भूमिका:
बेहतर सड़क संपर्क से सुरक्षा बलों की आवाजाही में आसानी होगी, जिससे माओवादी गतिविधियों पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। इसके अतिरिक्त, यह परियोजना स्थानीय समुदायों के बीच विश्वास और सहयोग को बढ़ावा देगी, जो दीर्घकालिक शांति निर्माण में सहायक होगी।
निष्कर्ष:
केंद्र सरकार द्वारा माओवादी प्रभावित क्षेत्रों में सड़क परियोजनाओं के लिए ₹195 करोड़ की स्वीकृति छत्तीसगढ़ के विकास की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह पहल न केवल बुनियादी ढांचे में सुधार लाएगी, बल्कि सुरक्षा, आर्थिक समृद्धि और सामाजिक विकास में भी योगदान करेगी। स्थानीय समुदायों की सक्रिय भागीदारी और राज्य सरकार की तत्परता इस परियोजना की सफलता के लिए आवश्यक हैं।
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