प्रधानमंत्री RKVY को ₹8,500 करोड़ का बजट मिला है। योजना में कृषि‑स्टार्टअप्स को ₹300 करोड़ की सहायता, कृषि नवाचार और सूक्ष्मजल प्रबंधन जैसी पहलें शामिल हैं।
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प्रमुख उपलब्धि: बजट वृद्धि और स्कीम का पुनर्गठन
- वित्त वर्ष 2025–26 के लिए, RKVY की संचालित सीमा ₹8,500 करोड़ तय की गई है, जो योजना को कृषि में नवाचार और स्टार्ट‑अप सहायता के क्षेत्र में सशक्त करेगा
- केंद्र सरकार ने RKVY और अन्य कृषि सहायता योजनाओं का एकीकरण करते हुए PM‑RKVY और Krishonnati Yojana नामक दो बड़े कार्यक्रम बनाए; कुल मिलाकर इन पर काम करने का प्रस्ताव ₹1,01,322 करोड़ का है
विविधीकृत घटक और मिशन
- इस योजना के अंतर्गत शामिल हैं:
- मृदा स्वास्थ्य, रेनफेड क्षेत्र विकास, एग्रो‑फॉरेस्ट्री, ऑर्गेनिक खेती, मृदा शेष प्रबंधन, ‘प्रति बूंद अधिक फसल’ इस्रांट, और स्टार्ट‑अप/उद्यमी विकास जैसी पहलें।
- RKVY‑Raftaar के अंर्तगत 1,708 कृषि‑स्टार्टअप्स को ₹300 करोड़ फंड से सहायता प्रदान की जा रही है। सुविधाएँ जैसे pre‑seed (₹5 लाख) और seed (₹25 लाख) ग्रांट्स, साझेदार Knowledge Partners और Agribusiness Incubators द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे हैं
राज्य स्तर पर कार्यान्वयन और सफलता
- TNAU (तमिलनाडु कृषि विश्वविद्यालय) ने RKVY‑Raftaar के तहत 85 Agri‑startup्स को कुल ₹8.98 करोड़ की सहायता प्रदान की है — यह सफलता स्टार्ट‑अप इकोसिस्टम में इरादा दिखाती है
सारांश तालिका
विशेषता | विवरण |
---|---|
बजट (2025–26) | ₹8,500 करोड़ |
योजना का नाम | PM‑RKVY (PM Rashtriya Krishi Vikas Yojana) |
सम्मिलित घटक | Soil Health, Agri‑Startups, Agro‑forestry, Watershed, Etc. |
स्टार्ट‑अप समर्थन | 1,708 startups, ₹300 करोड़ फंड, 24 Incubators |
राज्य फ़ोकस | TNAU द्वारा 85 स्टार्ट‑अप्स को ₹8.98 करोड़ सहायता |
निष्कर्ष
PM‑RKVY ने न केवल कृषि विकास का बजट बढ़ाया है, बल्कि योजना को नवाचार, स्टार्ट‑अप ऊर्जा और टेक्नोलॉजी से जोड़ दिया है।
- ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा
- कृषि की स्थिरता और लाभप्रदता सुनिश्चित
- स्टेट-विशेष योजनाओं और वर्कशॉप द्वारा युवाओं और किसानों को सशक्तिकरण
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