“Per Drop More Crop” योजना के तहत सूक्षम सिंचाई, खेत तालाब निर्माण व सब्सिडी से जुड़े 2025 के लेटेस्ट अपडेट जानिए। जानिए कैसे किसान कम पानी में अधिक उत्पादन कर रहे हैं।
“Per Drop More Crop” योजना — नवीनतम अपडेट (2025)
1. सूक्षम सिंचाई में तेजी—78 लाख हेक्टेयर तक विस्तार
राष्ट्रीय कार्यशाला में खुलासा हुआ कि 2015-16 से अब तक 78 लाख हेक्टेयर भूमि को सूक्षम सिंचाई (ड्रिप/स्प्रिंकलर) के तहत कवर किया गया है—यह पिछली अवधि से 81% अधिक है। इसके अलावा, Micro Irrigation Fund को ₹5,000 करोड़ से बढ़ाकर ₹10,000 करोड़ कर दिया गया है।
2. उत्तर प्रदेश में भारी सब्सिडी—90% तक राहत
यूपी सरकार की योजना के तहत किसान ड्रिप, मिनी स्प्रिंकलर या रेगन जैसी प्रणालियाँ लगवाने पर 90% तक सब्सिडी प्राप्त कर सकते हैं। छोटे व सीमांत किसानों के लिए विशेष सब्सिडी रेट लागू है, और 2025–26 के लिए लगभग 1970 हेक्टेयर क्षेत्र को लक्ष्य के रूप में चुना गया है।
3. खेत तालाब निर्माण पर ₹52,500 तक की सहायता
चक्रीय सिंचाई और जल संरक्षण को बढ़ावा देने के लिए, उत्तर प्रदेश में किसानों को खेत तालाब (22x20x3 मीटर) निर्माण पर ₹52,500 तक की सब्सिडी दी जाएगी। 60% सब्सिडी उन किसानों को मिलेगी जो माइक्रो-इरिगेशन सिस्टम भी स्थापित करते हैं, जबकि बाकी 40% उन किसानों को मिलेंगे जिनके पास पहले से सिस्टम मौजूद है। अतिरिक्त ₹15,000 तक का पंपसेट सब्सिडी भी उपलब्ध है।
4. किसानों की सफलता की कहानी
मध्य प्रदेश के रघुवीर सिंह नामक किसान ने इस योजना का लाभ उठाकर लहसुन की खेती से ₹10 लाख सालाना मुनाफा कमाया। उन्होंने मिनी-स्प्रिंकलर सिस्टम स्थापित किया, जिससे पानी की बचत हुई, फसलों की गुणवत्ता बेहतर हुई और लागत में कमी दर्ज की गई।
सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
सूक्षम सिंचाई कवरेज | 78 लाख हेक्टेयर भूमि (2015–2025) |
सब्सिडी प्रतिशत | यूपी: 90%, विशेष वर्गों के लिए बड़ा लाभ |
खेत तालाब सब्सिडी | ₹52,500 तक + ₹15,000 पंपसेट सब्सिडी |
किसान पुरस्कार कहानी | MP: 1 किसान ने ₹10 लाख सालाना मुनाफा पाया |
निष्कर्ष
“Per Drop More Crop” योजना ने जल संरक्षण को कृषि विकास का आधार बना दिया है। छोटे व सीमांत किसानों को बड़े स्तर पर सब्सिडी मिल रही है; सफल किसानों की कहानियाँ उत्साहित करती हैं। हालांकि, इसकी प्रभावशीलता और पहुंच बढ़ाने के लिए जागरूकता, वितरण प्रणाली और तकनीकी सहायता में सुधार आवश्यक है।
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