आंध्र प्रदेश सरकार ने 1,900 लंबित खनन मामलों के समाधान के लिए एकमुश्त निपटान (OTS) योजना शुरू की है, जिससे खनन क्षेत्र में रोजगार और आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
आंध्र प्रदेश सरकार ने राज्य के खनन क्षेत्र में गतिशीलता लाने और लंबित मामलों के समाधान के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य सरकार ने एकमुश्त निपटान (OTS) योजना की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य लगभग 1,900 लंबित खनन मामलों को सुलझाना है। यह पहल राज्य के खनन उद्योग को पुनर्जीवित करने और रोजगार सृजन में सहायक होगी।
OTS योजना का उद्देश्य और महत्व:
- लंबित मामलों का समाधान: राज्य में विभिन्न स्तरों पर लंबित खनन मामलों की संख्या 1,900 के आसपास है, जिनमें कुल ₹1,800 करोड़ का जुर्माना शामिल है। OTS योजना के तहत इन मामलों का शीघ्र समाधान किया जाएगा।
- आर्थिक लाभ: इस योजना से राज्य को ₹100 करोड़ से अधिक की तात्कालिक राजस्व प्राप्ति की उम्मीद है, जो खनन गतिविधियों को पुनः आरंभ करने में सहायक होगी।
- रोजगार सृजन: खनन उद्योग के पुनरुद्धार से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे बेरोजगारी की समस्या में कमी आएगी।
योजना के तहत शामिल मामले:
OTS योजना में निम्नलिखित प्रकार के मामले शामिल हैं:
- पुनरीक्षण मामले: जिनमें जुर्माने की पुनरावलोकन की आवश्यकता है।
- अपील मामले: जो उच्च न्यायालय या अन्य न्यायिक मंचों में लंबित हैं।
- मांग नोटिस और कारण बताओ नोटिस: जो खनन विभाग द्वारा जारी किए गए हैं।
इन मामलों का समाधान करने से खनन पट्टों और विकास लाइसेंसों के निलंबन को समाप्त किया जा सकेगा, जिससे खनन गतिविधियों में तेजी आएगी।
आंध्र प्रदेश की खनिज नीति 2025:
राज्य सरकार ने आंध्र प्रदेश खनिज नीति 2025 को मंजूरी दी है, जिसमें OTS योजना को शामिल किया गया है। इस नीति का उद्देश्य खनन क्षेत्र में पारदर्शिता, प्रतिस्पर्धा और निवेश को बढ़ावा देना है। नीति के तहत खनन पट्टों के नवीनीकरण और नए पट्टों के आवंटन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाया गया है।
निष्कर्ष:
आंध्र प्रदेश सरकार की OTS योजना राज्य के खनन क्षेत्र के लिए एक सकारात्मक पहल है। यह योजना न केवल लंबित मामलों का समाधान करेगी, बल्कि खनन उद्योग को पुनर्जीवित करने, रोजगार सृजन और राज्य की आर्थिक स्थिति को सुदृढ़ करने में भी सहायक होगी। राज्य सरकार की इस पहल से आंध्र प्रदेश में खनन क्षेत्र में नए अवसरों का सृजन होगा।
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