वोट चोरी विवाद पर चुनाव आयोग ने राहुल गांधी को माफी मांगने या बयान पर हस्ताक्षर करने की चेतावनी दी। जानें पूरे मामले की ताज़ा जानकारी और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं।
विवाद की पृष्ठभूमि
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने 2024 लोकसभा चुनावों के बाद “vote chori” यानी वोट चोरी का आरोप लगाया, जिसमें उन्होंने बेंगलुरु के महादेवपुरा विधानसभा क्षेत्र में कथित रूप से 1,00,250 वोटों की हेराफेरी जैसे मुद्दों को उठाया। उन्होंने “duplicate entries,” “fake addresses,” और “bulk registrations” जैसे असामान्य मतदाता विवरण साझा किए। हालांकि, चुनाव आयोग (EC) ने इन आरोपों को “false and absurd” बताया।
EC की प्रतिक्रिया और मांगे
- EC ने राहुल गांधी को दो विकल्प दिए:
- मतदान सूची में गड़बड़ियों का समर्थन करते हुए एक आधिकारिक घोषणा पर हस्ताक्षर (Sign Declaration) करें।
- यदि वह आरोपों में विश्वास नहीं रखते, तो देश से सार्वजनिक माफी (Apologise to nation) मांगें।
- साथ ही, मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) ने राहुल गांधी को 10 दिनों का समय दिया है, जिसमें उन्हें विवरण सहित जातियों को गलत तरीके से जोड़े गए/निकाले गए मतदाताओं के नाम संग घोषित करने हैं।
- आर पार दोनों ओर से बीजेपी ने आग्रह किया कि यदि राहुल गांधी का आयोग पर भरोसा नहीं है तो उन्हें लोकसभा से
सारांश – प्वाइंट्स में
- विवाद: राहुल गांधी द्वारा उठाए गए “vote chori” आरोप।
- EC की स्थिति: आरोपों को “बिना आधार” बताते हुए या तो दस्तखत करने या माफी मांगने की मांग।
- समयसीमा: CEOs द्वारा 10 दिनों का समय।
- राजनीतिक प्रतिक्रिया: BJP ने इस्तीफे की मांग की; कांग्रेस और NCP के कुछ नेता इस मुद्दे पर विवादित भीड़ का समर्थन कर रहे हैं।
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