स्वच्छ भारत मिशन (SBM) 2.0 के तहत, आंगनवाड़ी सेवाओं और पोषण कार्यक्रमों में महत्वपूर्ण सुधार और विस्तार किया गया है। इस पहल का उद्देश्य बच्चों, गर्भवती महिलाओं, और स्तनपान कराने वाली माताओं को बेहतर पोषण और देखभाल प्रदान करना है।
Contents
🏫 आंगनवाड़ी केंद्रों का उन्नयन
- उन्नयन की योजना: देशभर में 2 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को ‘सक्षम आंगनवाड़ी’ के रूप में उन्नत किया जा रहा है। इसमें ओडीशा राज्य में 12,140 केंद्रों का उन्नयन शामिल है, जिसमें LED स्क्रीन, RO पानी की सुविधा, पोषण वाटिकाएँ, और BALA चित्रांकन जैसी सुविधाएँ प्रदान की जा रही हैं।
- प्रारंभिक शिक्षा में सुधार: झारखंड में 16,775 आंगनवाड़ी केंद्रों को प्ले स्कूल के रूप में उन्नत किया जा रहा है, जिसमें ₹1 लाख प्रति केंद्र की राशि दी जा रही है। यह पहल बच्चों की समग्र विकास और शिक्षा में सुधार के लिए है।
📱 डिजिटल निगरानी और पोषण ट्रैकर
- चेहरे की पहचान प्रणाली: 1 जुलाई 2025 से, आंगनवाड़ी केंद्रों में पोषण वितरण के लिए चेहरे की पहचान प्रणाली लागू की गई है। यह प्रणाली लाभार्थियों की पहचान सुनिश्चित करने और पोषण सामग्री की सही वितरण में मदद करती है।
- e-KYC और फेस कैप्चर: अब तक, 4.91 करोड़ पात्र लाभार्थियों में से 75.12% का फेस कैप्चर और e-KYC पूरा किया जा चुका है, जिससे पोषण ट्रैकर एप्लिकेशन के माध्यम से सही लाभार्थियों तक पोषण सामग्री पहुँचाई जा रही है।
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👶 पोषण और स्वास्थ्य में सुधार
- गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण: जुलाई 2025 तक, मिशन पोषण 2.0 के तहत 72.22 लाख से अधिक गर्भवती महिलाओं का पंजीकरण किया गया है, जो बेहतर मातृ स्वास्थ्य और पोषण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
- मातृत्व लाभ: प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना (PMMVY) के तहत, जनवरी 2017 से जुलाई 2025 तक 4.05 करोड़ से अधिक लाभार्थियों को मातृत्व लाभ प्रदान किया गया है, जो महिलाओं की स्वास्थ्य सुरक्षा को सुनिश्चित करता है।
📊 बजट और संसाधन आवंटन

- वित्तीय आवंटन: केंद्रीय बजट 2025-26 में मिशन सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0 के लिए ₹21,960 करोड़ का आवंटन किया गया है, जो पोषण और स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार की दिशा में महत्वपूर्ण है।
निष्कर्ष: SBM 2.0 के तहत आंगनवाड़ी सेवाओं और पोषण कार्यक्रमों में डिजिटल तकनीकी, बुनियादी ढांचे में सुधार, और वित्तीय संसाधनों के आवंटन से बच्चों और महिलाओं के पोषण और स्वास्थ्य में सुधार हो रहा है। यह पहल भारत में पोषण क्रांति की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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