2025 में घर किराए पर लेना या खरीदना – कौन सा विकल्प बेहतर है? जानिए दिल्ली NCR, बेंगलुरु, पुणे और अहमदाबाद जैसे शहरों में रेंट वर्सेस EMI ट्रेंड, प्रॉपर्टी प्राइस ग्रोथ और युवाओं की पसंद का ताज़ा अपडेट।
महत्वपूर्ण अपडेट्स (Latest News)
- EMI बनाम किराया:
NoBroker की H1 2025 रिपोर्ट के अनुसार, बेंगलुरु जैसे शहरों में 2BHK का किराया ₹35,000–₹45,000 है, जबकि वही घर खरीदने पर EMI ₹90,000–₹1.2 लाख हो सकता है—EMI लगभग 2.5–3 गुना ज्यादा है - माइक्रो मार्केट्स की तुलना:
Anarock डेटा के अनुसार, नोएडा सेक्टर-150 में 2021–2024 में संपत्ति मूल्य 128% बढ़े, जबकि किराया केवल 66% बढ़ा Upstox – Online Stock and Share Trading। बेंगलुरु के सर्जापुर रोड पर भी संपत्ति मूल्य (63%) किराये (76%) से पीछे रहे, वहीं पुणे में कई क्षेत्र किराये से आगे निकल गए - ग्रामीण उपभोक्ताओं और हिमाकत की भावना:
India Today की रिपोर्ट बताती है कि युवा आर्थिक अस्थिरता, नौकरी बदलने की सहजता और वित्तीय प्रतिबद्धताओं के कारण किराये पर अधिक झुकते जा रहे हैं। हालांकि, संपत्ति-पर आधारित संपत्ति बनाने का आकर्षण अब भी मजबूत है - रेंट बढ़ रहा है, पर शांति आई है:
NoBroker रिपोर्ट में बताया गया कि 2025 की पहली छमाही में प्रमुख मेट्रो में औसत किराया बढ़त 7–9% रही—पहले 12–24% थी। लेकिन, कुछ इंफ्रास्ट्रक्चर-निर्भर माइक्रो-मार्केट्स में अभी भी तेज किराया वृद्धि हो रही है - रेंट में दबाव, खरीद की चाह:
Ahmedabad में पुनर्विकास और आवास की कमी के कारण किराया 25–30% बढ़ा है—जिससे पहले किरायेदारों पर बोझ बढ़ा और घर खरीदने की इच्छा भी मजबूती से उभरी
सारांश तालिका
शहर / क्षेत्र | रेंट वृद्धि (%) | कैपिटल वृद्धि (%) | टिप्पणी |
---|---|---|---|
बेंगलुरु (2BHK EMI vs Rent) | – | – | EMI 2.5–3× रेंट |
नोएडा सेक्टर-150 (2021–24) | 66 | 128 | खरीद फ़ायदा मज़बूत |
सर्जापुर रोड, बेंगलुरु | 76 | 63 | किराया आगे |
पुणे (Hinjewadi, etc.) | 57–65 | 37 | किराया बढ़त |
प्रमुख मेट्रो (2025) | 7–9 (औसत) | – | किराए में आरक्षण बढ़ |
अहमदाबाद (Redevelopment) | 25–30 | – | स्वचालित बढ़त, खरीद आकर्षण |
निष्कर्ष
- सामान्य ट्रेंड: EMIs किराए से काफी अधिक हैं—रेंट अधिक व्यवहार्य विकल्प हो सकता है।
- माइक्रो मार्केट्स में अंतर:
- कुछ इलाकों में कीमत तेजी से बढ़ी—जिससे खरीद सोना बनता है।
- अन्य जगह जहां किराया तेज़ है, वहाँ वीडियो विकल्प बेहतर बनता जा रहा है।
- लंबी अवधि vs लचीलापन: खरीद मूल्यवृद्धि के लिए अच्छा है; किराया देता फ़्लेक्सिबिलिटी (स्थान/नौकरी)।
- युवाओं की मानसिकता: आर्थिक अस्थिरता और नौकरी बदलाव की वजह से किराए की ओर झुकाव बना हुआ है।
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