भारत सरकार ने PM ई-ड्राइव (EV) योजना को 2028 तक बढ़ा दिया है, जिसमें ₹10,900 करोड़ का अतिरिक्त फंड दिया गया है। जानें इस फैसले का आपके अगले इलेक्ट्रिक वाहन की खरीद पर क्या असर पड़ेगा।
केंद्र सरकार ने 2 साल के लिए योजना का विस्तार किया
केंद्रीय सरकार ने PM Electric Drive Revolution in Innovative Vehicle Enhancement (PM E-DRIVE) योजना की अवधि मार्च 2028 तक बढ़ा दी है। मूल रूप से यह योजना मार्च 2026 तक लागू थी, लेकिन अब यह 31 मार्च 2028 तक प्रभावी रहेगी—लेकिन कुल बजट ₹10,900 करोड़ ही रहेगा।
किसे मिलेगा फायदा और किसे नहीं
- फायदा प्राप्त करने वाले वाहन:
- इलेक्ट्रिक ट्रक, बसें, और एंबुलेंस
- चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर
- परीक्षण एजेंसियों के लिए उपकरण
- अब लाभ नहीं मिलेगा:
- इलेक्ट्रिक दोपहिया, ई-रिक्शा और तीन-पहिया (L5 कैटेगरी) प्रणालियाँ—इनके लिए सब्सिडी की अंतिम तिथि पहले की तरह 31 मार्च 2026 ही है।
सरकार का उद्देश्य और नीतिगत बदलाव
इस विस्तार से अब सरकार सरकारी और सार्वजनिक सेवा वाहनों की ई-मोबिलिटी को प्राथमिकता दे रही है—यह एक निर्णयात्मक कदम है क्योंकि ये वाहन सबसे अधिक प्रदूषण पैदा करते हैं और इनके विद्युतीकरण से वायु गुणवत्ता में सुधार होगा।
इसके अलावा, घोषणाओं में Make in India, पीएलएम (Phased Manufacturing Programme) और घरेलू ईवी इकोसिस्टम की मजबूती पर ज़ोर दिया गया है।
सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
योजना का विस्तारित कार्यकाल | 31 मार्च 2028 तक |
बजट (Outlay) | ₹10,900 करोड़ (स्थिर) |
लाभार्थी उपकरण समूह | ई-बस, ई-ट्रक, ई-एंबुलेंस, चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर |
सब्सिडी में कटौती | ई-2W, ई-3W, ई-रिक्शा – मार्च 2026 अंत तक |
निष्कर्ष
ई-ड्राइव योजना को बढ़ाकर सरकार ने ईवी अपनातंत्र का लाभ कुछ चुनिंदा उच्च-प्रभाव वाले क्षेत्रों तक सीमित कर दिया है—यह कदम स्पष्ट रूप से सार्वजनिक परिवहन और आपातकालीन सेवाओं को केंद्र में रखकर लिया गया है। विस्तार से स्कीम में संयम, तार्किक प्राथमिकता और स्वदेशी उत्पादन को प्रोत्साहन मिलता है।
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