भारत सरकार की प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) योजना 2.0 ने 2025 में इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV), फार्मास्यूटिकल्स और रोबोटिक्स जैसे प्रमुख सेक्टरों में बड़े बदलाव और निवेश आकर्षित किए हैं। इस ब्लॉग में हम इन तीनों सेक्टरों में PLI 2.0 के प्रभाव और लाभों पर चर्चा करेंगे।
🚗 इलेक्ट्रिक व्हीकल्स (EV) सेक्टर
PLI 2.0 ने EV सेक्टर में निवेश को बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत, कंपनियों को अपने उत्पादन में वृद्धि के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जिससे घरेलू उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होती है।
💊 फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर
फार्मास्यूटिकल्स सेक्टर में भी PLI 2.0 ने महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस योजना के माध्यम से, कंपनियों को उनके उत्पादन में वृद्धि के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जिससे घरेलू उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होती है।
🤖 रोबोटिक्स सेक्टर
रोबोटिक्स सेक्टर में भी PLI 2.0 ने विदेशी कंपनियों को भारत में निवेश करने के लिए प्रेरित किया है। इस योजना के तहत, कंपनियों को उनके उत्पादन में वृद्धि के आधार पर वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किया जाता है, जिससे घरेलू उत्पादन और निर्यात में वृद्धि होती है।
📊 PLI 2.0 का समग्र प्रभाव
- निवेश में वृद्धि: PLI 2.0 ने विभिन्न सेक्टरों में निवेश को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत की विनिर्माण क्षमता में वृद्धि हुई है।
- रोजगार सृजन: इस योजना के माध्यम से, विभिन्न सेक्टरों में रोजगार के अवसर उत्पन्न हुए हैं।
- निर्यात में वृद्धि: PLI 2.0 ने निर्यात को बढ़ावा दिया है, जिससे भारत की वैश्विक प्रतिस्पर्धा में वृद्धि हुई है।
📝 निष्कर्ष

PLI 2.0 योजना 2025 ने EV, फार्मास्यूटिकल्स और रोबोटिक्स जैसे प्रमुख सेक्टरों में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। इस योजना के माध्यम से, भारत ने घरेलू उत्पादन, निवेश और निर्यात में वृद्धि की है, जो ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
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