भारत में महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) ने ग्रामीण और अर्द्ध-शहरी क्षेत्रों में महिलाओं की आर्थिक, सामाजिक और डिजिटल सशक्तिकरण में अहम भूमिका निभाई है। 2025-26 तक, डिजिटल इंडिया मिशन और फाइनेंसियल इनक्लूजन के चलते SHG महिलाओं को नई तकनीक, ऑनलाइन बैंकिंग और डिजिटल मार्केटप्लेस तक पहुंच दे रही हैं।
🌟 महिला स्वयं सहायता समूह क्या है?

- SHG छोटे समूह होते हैं (10-20 महिलाएँ) जो साझा बचत और लोन के माध्यम से आर्थिक रूप से सशक्त बनती हैं।
- सरकार और बैंक इनके साथ मिलकर उन्हें डिजिटल प्रशिक्षण, ऑनलाइन बैंकिंग, और ई-कॉमर्स सिखाते हैं।
- समूह की महिलाएँ अब कच्चे माल से लेकर तैयार उत्पाद तक का बिज़नेस ऑनलाइन बेच रही हैं।
📱 डिजिटल एम्पावरमेंट की प्रमुख पहल
1. डिजिटल बैंकिंग

- SHG महिलाओं ने UPI, नेट बैंकिंग और मोबाइल वॉलेट का इस्तेमाल शुरू कर दिया है।
- अब लोन की प्रक्रिया ऑनलाइन एप्लिकेशन और ट्रैकिंग के जरिए आसान हो गई है।
2. ई-कॉमर्स और ऑनलाइन मार्केटिंग

- महिलाएँ अब अपने हस्तशिल्प, जैम, अचार, जूस जैसे उत्पादों को Amazon, Flipkart, SFarmingMart जैसे प्लेटफॉर्म पर बेच रही हैं।
- सोशल मीडिया और डिजिटल मार्केटिंग से उनकी सेल्स और पहचान बढ़ी है।
3. डिजिटल ट्रेनिंग और कौशल विकास

- सरकार और NGOs द्वारा डिजिटल साक्षरता और बिज़नेस ट्रेनिंग दी जा रही है।
- महिलाएँ अब इन्वेंट्री मैनेजमेंट, ऑनलाइन पेमेंट और ग्राहक संचार में भी कुशल हैं।
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4. वित्तीय स्वतंत्रता
- SHG महिलाओं ने छोटे लोन लेकर नया व्यवसाय, कृषि, और होम-मे이드 प्रोडक्ट्स शुरू किया।
- इससे परिवार की आय बढ़ी और महिलाएँ आर्थिक निर्णयों में बराबरी से शामिल हो रही हैं।
🌱 सफलता की कहानियाँ

- उत्तर प्रदेश की कविता का SHG समूह – उन्होंने Mango Pickle और Homemade Jams को Amazon पर लॉन्च कर 6 महीने में ₹5 लाख से ज्यादा कमाई की।
- राजस्थान की प्रिया का SHG समूह – Solar Light और Handmade Crafts को ऑनलाइन बेचकर गाँव की महिलाओं को रोज़गार मिला।
- बिहार की सीमा का SHG – बैंक से लोन लेकर Digital Farming Tools खरीदे और खेती में उत्पादन 20% बढ़ाया।
🔮 निष्कर्ष
महिला स्वयं सहायता समूह अब केवल साझा बचत या लोन लेने वाला समूह नहीं रहे। ये डिजिटल इंडिया की मिसाल बन चुके हैं।
- महिलाएँ अब टेक्नोलॉजी से लैस, आर्थिक रूप से सशक्त, और समाज में सक्रिय हैं।
- आने वाले वर्षों में यह प्रोजेक्ट ग्रामीण भारत में डिजिटल और आर्थिक क्रांति की दिशा में बड़ा योगदान देगा।
📌 FAQ Section
Q1. महिला स्वयं सहायता समूह (SHG) क्या होते हैं?
👉 SHG छोटे समूह होते हैं जिनमें 10-20 महिलाएँ मिलकर बचत, लोन और बिज़नेस के माध्यम से आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होती हैं।
Q2. SHG महिलाओं को डिजिटल तकनीक का क्या फायदा होता है?
👉 महिलाएँ अब UPI, नेट बैंकिंग, मोबाइल वॉलेट और ऑनलाइन मार्केटप्लेस का इस्तेमाल करके आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त कर रही हैं।
Q3. SHG महिलाओं के प्रमुख बिज़नेस कौन से हैं?
👉 हस्तशिल्प, जैम, अचार, जूस, डिजिटल खेती और सोलर प्रोडक्ट्स जैसी चीज़ें।
Q4. महिला SHG लोन कैसे ले सकती हैं?
👉 बैंक और डिजिटल प्लेटफॉर्म के माध्यम से ऑनलाइन एप्लिकेशन करके, SHG सदस्य आसानी से लोन प्राप्त कर सकती हैं।
Q5. SHG डिजिटल ट्रेनिंग महिलाओं के लिए क्यों जरूरी है?
👉 इससे महिलाएँ बिज़नेस मैनेजमेंट, ग्राहक संचार और इन्वेंट्री कंट्रोल जैसी स्किल सीखती हैं और अपने व्यवसाय को ऑनलाइन बढ़ा सकती हैं।
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