हर घर जल योजना 2025 में बिहार ने 94% ग्रामीण घरों तक नल जल पहुंचाया, जबकि उत्तर प्रदेश के कई जिलों में देरी और अधूरे प्रोजेक्ट की समस्याएं बनीं। जानें नवीनतम अपडेट, चुनौतियाँ और समाधान।
हर घर जल योजना – नवीनतम अपडेट 2025
1. किताबी आंकड़े से जमीन का सच—बिहार में 94% ग्रामीण घरों को नल से जुड़वाया गया
Development Management Institute (DMI) की हालिया स्टडी के अनुसार, बिहार के मुजफ्फरपुर और गया जिलों में अब लगभग 94% ग्रामीण घरों को टेप कनेक्शन मिल चुका है।
93.80% परिवारों को 70 LPCD से अधिक पानी मिल रहा है, जबकि अधिकांश को प्रति दिन 6 घंटे से अधिक, और महीने में 25–30 दिनों तक पानी उपलब्ध हो रहा है।
गुणवत्ता को 99.53% ने बेहतरीन बताया। महामारी पूर्व की तुलना में यह एक शानदार सुधार है।
2. यूपी की वास्तविक समस्याएँ: कानपुर देहात, अलीगढ़ और रामपुर में देरी और अधूरे प्रोजेक्ट
- कानपुर देहात: 504 परियोजनाओं में से केवल 288 पूर्ण। कई गांवों में पानी की योजना अधूरी होने से गर्मियों में परेशानी की आशंका।
- अलीगढ़ (गांव जवां, रठ): प्रधानों का कहना है—“अधिकारी आते हैं, फाइल बनवाते हैं, काम नहीं होता।” योजनाएं धरातल तक नहीं पहुंच पाईं।
- रामपुर: 561 में से 250+ प्रोजेक्ट अब भी अधूरे; टंकियाँ और पाइपलाइन अधूरी, सड़कों की हालत बिगड़ रही है। योजना अब 2028 तक विस्तार दी गई है।
3. हर घर जल पर निगरानी—बदायूँ के 325 गांवों की समीक्षा
उत्तर प्रदेश के बदायूँ जिले में राज्यमंत्री विजयलक्ष्मी गौतम ने 325 गांवों की स्थिति की समीक्षा की। गड़बड़ी मिलने पर कार्रवाई का निर्देश, और पाइपलाइन से हुए नुकसान को तुरंत सुधारने का आदेश भी दिया गया।
4. प्रभावांकन के लिए IIM–BHU–KGMU की ताज़ा पहल
Jal Jeevan Mission का प्रभाव समझने के लिए IIM, BHU और KGMU मिलकर यूपी के ग्रामीण क्षेत्रों में अध्ययन कर रहे हैं। यह शोध स्वास्थ्य, जेंडर समानता, समय की बचत और समुदाय की भागीदारी जैसे पैरामीटर पर आधारित होगा।
सारांश तालिका
विषय | विवरण |
---|---|
कांग्रेस सफलता | बिहार में 94% घरों को पानी; 70 LPCD और नियमित पानी उपलब्ध |
जमीनी देरी | कानपुर देहात, अलीगढ़, रामपुर में परियोजनाएँ अधूरी |
अध्ययन और निगरानी | 325 गांवों की कार्यक्षमता की जांच; प्रभाव आकलन की शुरुआत |
समय सीमा में विस्तार | समयसीमा को 2028 तक बढ़ाया गया (रामपुर समेत कई जिलों में) |
निष्कर्ष
हर घर जल योजना ने कुछ क्षेत्रों में उल्लेखनीय सफलता दिखाई है—जैसे बिहार में जल कनेक्शन की व्यापक उपलब्धता और गुणवत्ता के मामले में सुधार। मगर, कई जिलों में कार्यान्वयन में देरी, अधूरे प्रोजेक्ट और जिम्मेदारियों के निर्वहन में कमी जैसी चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
IIM–BHU–KGMU का प्रभाव अध्ययन और गांव स्तर पर निरंतर समीक्षा इस क्षेत्र में सुधार की दिशा में आवश्यक पहल हैं।
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