भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की मांग लगातार बढ़ रही है और सरकार भी इस सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए बड़े कदम उठा रही है। हाल ही में घोषित EV Policy 2025 देश में इलेक्ट्रिक मोबिलिटी को नई रफ्तार देने वाली है। इस नीति के तहत कई महत्वपूर्ण बदलाव और प्रोत्साहन घोषित किए गए हैं।
🚗 EV Policy 2025 के मुख्य पॉइंट्स
- इंपोर्ट ड्यूटी में छूट – भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक वाहनों पर आयात शुल्क कम करने का प्रस्ताव दिया है ताकि बड़े वैश्विक ऑटोमेकर्स भारत में आसानी से निवेश कर सकें।
- PM E-DRIVE योजना 2028 तक बढ़ी – इस योजना को तीन साल और बढ़ाया गया है। इसके तहत EV निर्माताओं को प्रोडक्शन-लिंक्ड इंसेंटिव (PLI) और टैक्स बेनिफिट मिलेगा।
- इलेक्ट्रिक ट्रक इंसेंटिव – लॉजिस्टिक्स सेक्टर को बढ़ावा देने के लिए EV ट्रक खरीदने पर ₹9.6 लाख तक का सब्सिडी लाभ दिया जाएगा।
- महाराष्ट्र में टोल फ्री – राज्य सरकार ने EV गाड़ियों के लिए टोल टैक्स पूरी तरह माफ करने की घोषणा की है। इससे EV यूज़र्स को सीधा फायदा होगा।
- NITI Aayog ब्लूप्रिंट – नीति आयोग ने EV सेक्टर में चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर, बैटरी मैन्युफैक्चरिंग और लोकल प्रोडक्शन को बढ़ावा देने के लिए नया खाका पेश किया है।
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🌍 EV Policy 2025 से होने वाले फायदे
- EV अपनाने में तेजी आएगी
- प्रदूषण कम होगा और ग्रीन मोबिलिटी को बढ़ावा मिलेगा
- लॉजिस्टिक्स और ट्रांसपोर्ट सेक्टर को बड़ा फायदा होगा
- देश में EV मैन्युफैक्चरिंग और रोजगार के नए अवसर बनेंगे
📈 विशेषज्ञों की राय
ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के जानकारों का मानना है कि EV Policy 2025 से भारत का EV बाजार 2030 तक 50% तक बढ़ सकता है। बड़ी कंपनियां जैसे टाटा, महिंद्रा, टेस्ला और ह्युंडई भारत में नए निवेश की तैयारी में हैं।
📝 निष्कर्ष
भारत की EV Policy 2025 इलेक्ट्रिक वाहनों को सस्ती, सुलभ और लोकप्रिय बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम है। सरकार का लक्ष्य है कि आने वाले वर्षों में भारत ग्रीन मोबिलिटी में एक वैश्विक लीडर बन सके।
⚠️ निवेश नोट
EV सेक्टर में निवेश करने से पहले हमेशा अपनी रिसर्च करें। निवेश का निर्णय आपकी स्वयं की जिम्मेदारी है।
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