डिजिटल थेरेपी ऐप्स (Digital Therapy Apps) ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को आसान और सुलभ बना दिया है। लेकिन इनके इस्तेमाल से जुड़ी डेटा प्राइवेसी (Data Privacy) और नैतिक चिंताएँ (Ethical Concerns) पर गंभीर सवाल उठ रहे हैं।
🔐 डेटा प्राइवेसी से जुड़ी प्रमुख चिंताएँ

- Sensitive Data Collection – चैट, मूड ट्रैकिंग और हेल्थ डेटा का लगातार कलेक्शन।
- Third-Party Sharing – कई ऐप्स विज्ञापन या रिसर्च कंपनियों के साथ डेटा साझा करते हैं।
- Cybersecurity Risks – कमजोर सुरक्षा सिस्टम होने पर हैकिंग और डेटा लीक की संभावना।
⚖️ नैतिक चुनौतियाँ
- User Consent – उपयोगकर्ता को सही जानकारी न मिलना कि उनका डेटा कैसे इस्तेमाल होगा।
- AI Dependency – चैटबॉट्स पर ज़्यादा भरोसा करना गलत सलाह का कारण बन सकता है।
- Digital Divide – ग्रामीण इलाकों में डिजिटल थेरेपी की पहुंच अभी भी सीमित है।
- Commercial Use – कंपनियों द्वारा डेटा का व्यावसायिक लाभ उठाना।
✅ सुरक्षित उपयोग के उपाय
- केवल HIPAA/GDPR-compliant ऐप्स का इस्तेमाल करें।
- Privacy Policy ध्यान से पढ़ें।
- संवेदनशील जानकारी साझा न करें।
- Two-Factor Authentication का इस्तेमाल करें।
🌍 भारत में डेटा सुरक्षा नियम

- Digital Personal Data Protection Act, 2023 डेटा सुरक्षा के लिए नया फ्रेमवर्क लेकर आया है।
- National Digital Health Mission (NDHM) भी सिक्योरिटी और ट्रांसपेरेंसी को बढ़ावा देता है।
🧾 निष्कर्ष
डिजिटल थेरेपी ऐप्स मानसिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में बड़ी क्रांति हैं, लेकिन डेटा प्राइवेसी और नैतिक जिम्मेदारियाँ इनकी सफलता के लिए अनिवार्य हैं। सुरक्षित और पारदर्शी प्लेटफॉर्म का चयन करके ही उपयोगकर्ता असली लाभ उठा सकते हैं।
❓ FAQ – Data Privacy & Ethical Concerns in Digital Therapy Apps
Q1. क्या डिजिटल थेरेपी ऐप्स सुरक्षित होते हैं?
अधिकांश ऐप्स डेटा एन्क्रिप्शन का उपयोग करते हैं, लेकिन हर ऐप समान रूप से सुरक्षित नहीं होता। उपयोग से पहले प्राइवेसी पॉलिसी और सिक्योरिटी फीचर्स जांचना ज़रूरी है।
Q2. क्या मेरा डेटा थर्ड-पार्टी के साथ शेयर किया जा सकता है?
कुछ ऐप्स रिसर्च या विज्ञापन उद्देश्यों के लिए डेटा साझा कर सकते हैं। इसलिए ऐप डाउनलोड करने से पहले उनकी पॉलिसी पढ़ना जरूरी है।
Q3. भारत में डेटा सुरक्षा के लिए कौन से नियम लागू हैं?
भारत में Digital Personal Data Protection Act, 2023 लागू किया गया है, जो डिजिटल प्लेटफॉर्म्स पर डेटा सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
Q4. क्या AI चैटबॉट्स मेरी व्यक्तिगत समस्याओं को स्टोर करते हैं?
हाँ, कई बार बातचीत का डेटा ऐप सर्वर पर सेव हो सकता है। सुरक्षित ऐप्स ही चुनें और संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
Q5. कौन से ऐप्स सबसे सुरक्षित माने जाते हैं?
वे ऐप्स जो HIPAA या GDPR-compliant हैं और जिनकी प्राइवेसी पॉलिसी पारदर्शी है, उन्हें अपेक्षाकृत अधिक सुरक्षित माना जाता है।
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