As Per Pew Research American Teenagers Are Turning Away From Social Media: आजकल सोशल मीडिया और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहराते संबंधों पर बहस तेज़ हो गई है. इसी संदर्भ में Pew Research Center द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे में यह सामने आया है कि अमेरिका के किशोर अब सोशल मीडिया के असर को लेकर पहले से ज्यादा सतर्क हो गए हैं.
As Per Pew Research American Teenagers Are Turning Away From Social Media
आजकल सोशल मीडिया और किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य के बीच गहराते संबंधों पर बहस तेज़ हो गई है. इसी संदर्भ में Pew Research Center द्वारा किए गए एक हालिया सर्वे में यह सामने आया है.
करीब 44% किशोरों ने कहा कि उन्होंने सोशल मीडिया और स्मार्टफोन का इस्तेमाल कम कर दिया है जो इस ओर इशारा करता है कि इस डिजिटल दुनिया के प्रभाव को लेकर जागरूकता बढ़ रही है.
सर्वे में शामिल लगभग 48% किशोरों का मानना है कि सोशल मीडिया उनके उम्रदराज दोस्तों के लिए हानिकारक है. जबकि 2022 में यह आंकड़ा 32% था. दिलचस्प बात यह है कि खुद के लिए इस नुकसान को सिर्फ 14% किशोर ही स्वीकार करते हैं.

यह सर्वे 13 से 17 साल की उम्र के 1,391 किशोरों और उनके माता-पिता के बीच 18 सितंबर से 10 अक्टूबर 2024 के बीच किया गया था. इसमें सोशल मीडिया और स्मार्टफोन के इस्तेमाल से जुड़ी उनकी राय और अनुभवों को समझने की कोशिश की गई. जहां 50% से ज़्यादा माता-पिता किशोरों के मानसिक स्वास्थ्य को लेकर “बेहद” या “काफी” चिंतित हैं, वहीं केवल 35% किशोरों ने खुद को लेकर ऐसी चिंता जताई.

लड़कियों में मानसिक स्वास्थ्य को लेकर चिंता का स्तर लड़कों के मुकाबले ज्यादा है. 42% लड़कियों ने इसे गंभीर मुद्दा माना जबकि लड़कों में यह आंकड़ा 28% रहा. माता-पिता में भी माताएं (61%) पिताओं (47%) से ज़्यादा चिंतित नज़र आईं. किशोरों में भी यही पैटर्न देखने को मिला. 50% किशोरों ने मानसिक स्वास्थ्य पर चिंता जताई जबकि गोरे किशोरों में यह आंकड़ा 31% और हिस्पैनिक में 39% था.

हालांकि कई युवा सोशल मीडिया को दोस्तों से जुड़ने और रचनात्मकता दिखाने का मंच मानते हैं. इसमें 74% ने इसे दोस्ती के लिए सकारात्मक बताया और 63% ने इसे रचनात्मकता के लिए उपयोगी कहा लेकिन इसके नकारात्मक प्रभाव भी सामने आए हैं.
लगभग हर पांच में से एक युवा ने माना कि सोशल मीडिया ने उसके मानसिक स्वास्थ्य या पढ़ाई पर बुरा असर डाला है. 45% युवाओं ने कहा कि सोशल मीडिया के कारण उनकी नींद प्रभावित हुई, और 40% ने उत्पादकता में कमी की बात कही. इसके बावजूद, केवल 10% या उससे कम युवाओं को लगता है कि सोशल मीडिया उनके सोने या काम करने में मदद करता है.

2022 में जहां 67% किशोरों ने सोशल मीडिया को मुश्किल वक्त में सहारा देने वाला मंच बताया था, वहीं 2024 में यह संख्या घटकर 52% रह गई है. 25% युवा लड़कियों को लगता है कि सोशल मीडिया उनके मानसिक स्वास्थ्य को नुकसान पहुंचाता है, जबकि लड़कों में यह संख्या 14% है. 20% लड़कियों का मानना है कि इससे आत्मविश्वास पर असर पड़ता है और 50% को नींद की समस्या होती है, ये दोनों आंकड़े लड़कों के मुकाबले 10% ज्यादा हैं.
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