NEP 2020 में 2025 से लागू होने वाले प्रमुख बदलाव—5+3+3+4 मॉडल, दो बोर्ड परीक्षा, व्यावसायिक शिक्षा, डिजिटल लर्निंग, होलिस्टिक मूल्यांकन, और अधिक। जानें पूरा विवरण!
Contents
1. पाठ्यक्रम और शिक्षा संरचना में परिवर्तन2. स्थानीय भाषा में प्रारंभिक शिक्षा3. दो बोर्ड परीक्षाएँ—दबाव में कमी4. व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) का विस्तार5. डिजिटल और हाइब्रिड लर्निंग का प्रसार6. शिक्षक विकास और मूल्यांकन सुधार7. Academic Bank of Credits (ABC) और मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षासारांश तालिका
इन बदलावों ने ना केवल भारतीय शिक्षा प्रणाली को आधुनिक और लचीला बनाया है बल्कि छात्रों को अधिक व्यावहारिक, समावेशी और कौशल-आधारित शिक्षा की ओर अग्रसरित किया है।
1. पाठ्यक्रम और शिक्षा संरचना में परिवर्तन
- पुरानी 10+2 प्रणाली की जगह अब 5+3+3+4 मॉडल लागू होगा—जिसमें फाउंडेशनल, प्रिपरेटरी, मिडल और सेकेंडरी स्तर शामिल हैं।
- कक्षा I में प्रवेश की न्यूनतम आयु अब 6 वर्ष तय की जाएगी।
2. स्थानीय भाषा में प्रारंभिक शिक्षा
- कक्षा 5 तक बच्चों को मातृभाषा या क्षेत्रीय भाषा में पढ़ाया जाएगा, जिससे शिक्षा में समझ और समावेशिता बढ़ेगी।
- इस पद्धति का इस्तेमाल प्रे-प्राइमरी, अंगनवाड़ी केंद्रों और सishu vatika तक फैलेगा।
3. दो बोर्ड परीक्षाएँ—दबाव में कमी
- कक्षा 10 के लिए अब दो बोर्ड परीक्षा आयोजित होगी: एक फरवरी—मार्च में और दूसरा मई—जून में, जिसमें उच्चतम अंक माना जाएगा।
- यह बदलाव छात्रों को पुनर्परीक्षा या सुधार का अवसर देगा।
4. व्यावसायिक शिक्षा (Vocational Education) का विस्तार
- 2025 तक, कक्षा 6 से छात्रों को वोकैशनल ट्रेनिंग जैसे AI, कोडिंग, लोहारशिक्षा आदि से जोड़ा जा रहा है—जिसका लक्ष्य 50% छात्रों को व्यावसायिक शिक्षा से जोड़ना है।
- ITI में प्रवेश में 15% की वृद्धि देखी गई है।
5. डिजिटल और हाइब्रिड लर्निंग का प्रसार
- स्कूलों में हाइब्रिड क्लास रूम और डिजिटल प्लेटफॉर्म्स (DIKSHA, NDEAR, SWAYAM) को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- लक्ष्य है: स्मार्ट क्लास और इंटरनेट से सुसज्जित 50% सरकारी स्कूल।
6. शिक्षक विकास और मूल्यांकन सुधार
- Holistic Progress Card (360° मूल्यांकन) और PARAKH जैसे टूल्स से शिक्षा स्तर का व्यापक आकलन होगा।
- शिक्षकों के लिए NISHTHA और DIKSHA प्लेटफॉर्म्स पर निरंतर प्रशिक्षण अनिवार्य है।
7. Academic Bank of Credits (ABC) और मल्टी-डिसिप्लिनरी शिक्षा
- ABC के माध्यम से कई संस्थानों में क्रेडिट ट्रांसफ़र संभव हुआ है।
- मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेज (MHEIs) की संख्या में 2025 में उल्लेखनीय वृद्धि हुई—มากกว่า 100 संस्थाएं इस मॉडल पर चली गईं।

सारांश तालिका
बदलाव का क्षेत्र | प्रमुख अपडेट |
---|---|
शिक्षा संरचना | 10+2 से 5+3+3+4 मॉडल में रूपांतरण |
भाषा माध्यम | कक्षा 5 तक मातृभाषा में शिक्षण अनिवार्य |
परीक्षा ढांचे | कक्षा 10 के लिए दो बोर्ड परीक्षाएँ प्रदान कीं |
व्यावसायिक शिक्षा | कक्षा 6 से उच्च तकनीकी प्रशिक्षण लागू |
डिजिटल शिक्षा | हाइब्रिड शिक्षण और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर का विस्तार |
मूल्यांकन प्रणाली | होलिस्टिक रिपोर्ट कार्ड और टीचर अपस्किलिंग |
उच्च शिक्षा में लचीलापन | ABC और मल्टी-डिसिप्लिनरी कॉलेजों में वृद्धि |
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