जन औषधि योजना के तहत अब तक 16,912 केंद्र खुले और अक्टूबर 2024 में ₹1,000 करोड़ की बिक्री दर्ज हुई है। आने वाले वर्षों में यह 25,000 केंद्रों तक पहुँचने का लक्ष्य रखती है, जिससे लाखों भारतीयों को सस्ती और गुणवत्ता वाली दवा मिल पाएगी।
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नवीनतम अपडेट्स
1. विस्तार और बिक्री के आंकड़े
- 30 जून 2025 तक 16,912 जन औषधि केंद्र (JAKs) खोले गए हैं। सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2027 तक 25,000 केंद्र पहुँचाना है।
- अक्टूबर 2024 में योजना ने पहली बार ₹1,000 करोड़ से अधिक की बिक्री दर्ज की—पूर्व वर्ष की तुलना में यह उल्लेखनीय वृद्धि है।
2. उत्पादों की विविधता
- अब 2,110 प्रकार की दवाइयाँ और 315 सर्जिकल/मेडिकल कंटिम्बल्स उपलब्ध हैं। आने वाले समय में इसे बढ़ाकर 2,200 दवाइयाँ और 320 सर्जिकल आइटम्स करने की योजना है।
- सभी दवाएं WHO-GMP प्रमाणित निर्माताओं से आती हैं और NABL- मान्यता प्राप्त लैब्स में गुणवत्ता परीक्षण से गुजरती हैं।
3. जागरूकता अभियान और डिजिटल पहल
- जन औषधि दिवस 2025 का आयोजन 1 मार्च से शुरू हुआ था, जिसमें रैली, स्वास्थ्य शिविर, फार्मासिस्ट सेमिनार और स्वेच्छा कार्यकर्त्ताओं की भागीदारी शामिल थी।
- डिजिटल सुविधा के तहत Jan Aushadhi SUGAM मोबाइल ऐप से आसपास मौजूद केंद्रों का पता लगाना, दवा सूची देखना और कीमतों की तुलना संभव है।
4. राज्यों में अवस्थिति और विस्तार
- उत्तर प्रदेश के प्रयागराज जिले में सभी CHC (Community Health Centres) पर केंद्र स्थापित किए जा रहे हैं—सूक्ष्म स्वास्थ्य इकाइयों में अब जन औषधि से उपचार दवाएं आसानी से मिल सकेंगी।
- दिल्ली में मुख्यमंत्री ने 17 नए जन औषधि केंद्र और आधुनिकीकरण किए गए 33 आयुष्मान आरोग्य मंदिर का उद्घाटन किया।यह सस्ती दवा और हेल्थ सर्विसेज का एकीकृत मॉडल पेश करता है।
सारांश (टेबल में)
पहलू | ताज़ा स्थिति और लक्ष्य |
---|---|
केंद्रों की संख्या | 16,912 (30 जून 2025 तक) → लक्ष्य 25,000 तक |
बिक्री | अक्टूबर 2024 में ₹1,000 करोड़+ हुई |
उत्पाद विविधता | 2,110 दवाइयाँ, 315 सर्जिकल—विस्तार जारी |
जागरूकता अभियान | जन औषधि दिवस, SUGAM App, डॉक्टर्स वर्कशॉप आदि |
राज्यों में विस्तार | प्रयागराज CHC में केंद्र, दिल्ली में 17 नए केंद्र |
निष्कर्ष
जन औषधि योजना पूरे भारत में सस्ती और गुणवत्ता युक्त दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने का प्रभावशाली प्रयास है।
- विस्तार: केंद्रों की संख्या और उत्पादों में वृद्धि
- प्रौद्योगिकी और जागरूकता: डिजिटल ऐप और जन औषधि दिवस जैसे अभियान बेहतर पहुँच सुनिश्चित करते हैं
- राज्यों में विस्तार: ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों दोनों में सेफ्टी नेट ज़्यादा सुदृढ़ हुआ है
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