YouTube ने 15 जुलाई 2025 से अद्यतन मोनेटाइजेशन नीति लागू की—मास-प्रोड्यूस्ड, AI-स्लॉप और रिपीटड कंटेंट पर सख्ती, लेकिन असली क्रिएटर्स को राहत।
Contents
🔍 1. अपडेट की मुख्य बातें
❌ 2. कौन-सा कंटेंट होगा प्रभावित?
प्रकार | विवरण |
---|---|
Mass‑produced ➖ | बड़ी संख्या में ऐसे वीडियो जो automation या templates पर आधारित हैं, अब बंदिश के दायरे में |
Repetitious ➖ | एक जैसा content बार-बार री-यूज करना अब monetization योग्य नहीं रहेगा |
AI‑slop ➖ | AI-generated voiceovers/visuals जिन्होंने मूल कंटेंट में कोई Human टच नहीं जोड़ा, उनपर सख्ती |
⚠️ 3. कैसा कंटेंट रहेगा सुरक्षित?
- 💡 Transformative Content: री-यूज्ड मैटेरियल अगर significantly edited, “added value” के साथ है, तो उसे Monetize किया जा सकता है
- 💡 AI उपयोग सही तरीका से: अगर AI tools का इस्तेमाल genuine, original output देने के लिए हो तो अनुमति है
💬 4. YouTube का क्लैरिफिकेशन
YouTube के एडिटोरियल हेड – रेन रिची ने स्पष्ट किया:
“This is a minor update… not a crackdown on reaction or clips channels… intended to better identify inauthentic content.”
🔄 5. क्रिएटर्स को क्या करने की सलाह?
- अपनी वीडियो स्ट्रैटेजी की समीक्षा करें—क्या कं टेक्स्ट, कमेंट्री या फेरबदल से इसे ट्रांसफॉर्मेटिव बनाया जा सकता है?
- AI का सावधानीपूर्वक इस्तेमाल करें—human effort को कंटेंट में प्रमुख बनाएं।
- रिपीट-टेम्पलेट कंटेंट को त्यागें; यूनिक इनफार्मेशन और पर्सपेक्टीव पाएं।
✅ 6. निष्कर्ष
- Original creators के लिए राहत: जो वाकई मेहनत करते हैं, उन्हें इससे कोई असर नहीं होगा।
- Low-effort कंटेंट का सफाया: मास-प्रोड्यूस्ड AI-स्लॉप और रीयूज कंटेंट अब कमाई से बाहर रहेगा।
- प्लेटफ़ॉर्म की मंशा: YouTube एक भरोसेमंद, यूनीक और क्रिएटिव ecosystem बनाना चाहता है।
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