RBI’s move will prove to be a booster dose for real estate : रेप रेट में कटौती से रियल एस्टेट में बड़ी छलांग की उम्मीद, एक्सपर्ट्स बोले- बूस्टर डोज साबित होगा आरबीआई का कदम. सारांश त्रेहान ने आगे कहा कि ये विकास विशेष रूप से पहले बार घर खरीदने वालों के लिए लाभकारी है और किफायती तथा मिड-सेगमेंट आवास की मांग को बढ़ावा देगा
RBI’s move will prove to be a booster dose for real estate
RBI Repo Rate Cut: आरबीआई की तरफ से शुक्रवार को बड़ी सौगात देते हुए रेपो रेट में बाजार के अनुमान से भी बढ़कर 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती का ऐलान किया है. इससे अब होम और कार समेत सभी तरह के लोन और ईएमआई सस्ते हो जाएंगे. एक तरफ जहां आरबीआई को उम्मीद है कि उनके इस कदम से अर्थव्यवस्था को नई रफ्तार मिलेगी तो वहीं रियल एस्टेट बाजार में उम्मीदें छलांग लगा रहा है. रियल एस्टेट के जानकारों का कहना है आरबीआई का ये कदम रियल एस्टेट सेक्टर के लिए एक नया बूस्टर डोज साबित हो सकता है.
घर खरीदारों में आएगा कॉन्फिडेंस

त्रेहान ग्रुप के प्रबंध निदेश सारांश त्रेहान का कहना है कि रेपो दर में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती कर इसे 5.5% पर लाने का RBI का निर्णय एक स्वागतयोग्य कदम है. यह भारत की आर्थिक गति के समर्थन का एक मजबूत संकेत है. उन्होंने कहा कि रियल एस्टेट सेक्टर के लिए ये एक समयानुकूल प्रोत्साहन है, जो आवासीय क्षमता और खरीदारों की भावना में महत्वपूर्ण सुधार लाएगा. कम ब्याज दरों का सीधा असर मासिक किश्तों (EMI) में कमी के रूप में होता है, जिससे संभावित घर खरीदार अधिक आत्मविश्वास के साथ खरीदारी का निर्णय ले सकेंगे.
सारांश त्रेहान ने आगे कहा कि ये विकास विशेष रूप से पहले बार घर खरीदने वालों के लिए लाभकारी है और किफायती तथा मिड-सेगमेंट आवास की मांग को बढ़ावा देगा. डेवलपर्स के दृष्टिकोण से देखें तो आसान क्रेडिट उपलब्धता परियोजनाओं के क्रियान्वयन को सुचारू बनाने और तरलता बढ़ाने में मदद करेगी। हमारा मानना है कि यह दर कटौती, सरकार के बुनियादी ढांचे और शहरी विकास पर निरंतर ध्यान देने के साथ मिलकर, रियल्टी सेक्टर को पुनर्जीवित करेगी और भारत की विकास गाथा में महत्वपूर्ण योगदान देगी.
बूस्टर डोज साबित होगा आरबीआई का कदम
जबकि जेपी इन्फ्राटेक लिमिटेड के एग्जक्यूटिव डायरेक्टर जस पंचामिया का कहना है कि आरबीआई का ये फैसला साफ तौर पर उपभोग और निवेश को बढ़ावा देनेवाला है. ऐसे समय में जब खासक केन्द्रीय बैंक महंगाई को पूरी तरह से काबू में कर रखा है. ऐसे में एमपीसी के इस फैसले के बाद अब कॉमर्शियल बैंक सस्ते दरों पर लोन देंगे, जिससे रियल एस्टेट सेक्टर में बूस्टर डोज का काम करेगा.
बेहतर दर पर मिलेगा लोन
केडब्ल्यू ग्रेुप के डायरेक्टर पंकज कुमार जैन का कहना है कि रेपो रेट पर 50 बीपीएस की कटौती रियल एस्टेट सेक्टर के लिए बेहतर साबित होने वाला है. इसकी वजह ये है कि आरबीआई ने घरेलू निजी खपत को प्रोत्साहित करने के लिए ऐसा किया है. ईएमआई कम हो जाएगी और नए घर खरीदारों के लिए बेहतर दर पर होम लोन उपलब्ध होगा. ये खरीदारों के लिए एक बड़ी राहत होगी क्योंकि संपत्ति की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं और आरबीआई द्वारा ब्याज दरों में कमी करने से घर खरीदारों को राहत मिल सकती है.
इसी तरह से मिगसन ग्रुप के एमडी, यश मिगलानी का भी कहना है कि रेपो रेट में 50 बेसिस प्वाइंट की कटौती से EMI कम होगी और घर खरीदना आसान हो जाएगा. पहली बार घर खरीदने वालों के लिए यह बड़ा मौका है. डेवलपर्स के लिए फाइनेंसिंग आसान होगी, जिससे नए प्रोजेक्ट को लॉन्च करने में मदद मिलेगी. यह फैसला रियल एस्टेट सेक्टर में स्टेबिलिटी और लॉन्ग टर्म ग्रोथ का संकेत है.
बाजार और मुद्रास्फीति में संतुलन
गंगा रियल्टी ग्रुप के मैनेजिंग डायरेक्टर विकास गर्ग का मानना है कि आरबीआई की तरफ से रेपो रेट 50 बेसिस प्वाइंट की बड़ी कटौती से इस सेक्टर को न सिर्फ सकारात्मक संकेत जाएगा, बल्कि खासकर मिड-इनकम और फर्स्ट-टाइम होमबायर्स के बीच मांग में बढ़ोतरी की उम्मीद है. इस कदम से आवासीय बाजार को स्थिरता मिलेगी और डिमांड में गति आएगी. साथ ही, डेवलपर्स के लिए पूंजी की लागत में कमी से परियोजनाओं के कार्यान्वयन और फंडिंग में सहूलियत होगी.
एसकेए ग्रुप के डायरेक्टर, संजय शर्मा ने कहा कि लगातार तीसरी बार रेपो रेट कम होने से भारतीय रियल एस्टेट मार्केट में नई उम्मीदें जगी हैं. यह कदम RBI की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने की इच्छा को दर्शाता है. इससे घर खरीदने वालों को राहत मिलेगी और रियल एस्टेट की मांग बढ़ेगी. मौजूदा बाजार के सकारात्मक रुझान को यह फैसला और मजबूती देगा.
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