सोने के दाम में जबरदस्त उछाल : ऐसा पहली बार है जब सोने का भाव एक लाख को पार किया हो. हालांकि, इसकी उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी. 22 अप्रैल 2025 को सोने की कीमत एतिहासिक रुप से 1 लाख रुपये को पार कर गई.
सोने के दाम में जबरदस्त उछाल
Gold Price: सोना इस वक्त निवेशकों के लिए सबसे सुरक्षित निवेश का जरिया है. ऐसे समय में जब अंतरराष्ट्रीय बाजार में हलचल के चलते निवेशकों में डर का माहौल है, इन्वेस्टर्स सोने को सबसे महफूज मान कर उसमें पैसा लगा रहे हैं. यही वजह है कि 22 अप्रैल 2025 यानी मंगलवार को सोने की कीमत एतिहासिक रुप से 1 लाख रुपये को पार कर गई. हालांकि, इसकी उम्मीद पहले से लगाई जा रही थी कि इस महीने के आखिर तक सोना के दाम में और उछाल आएगा.
ऐसे में अगर पिछले 18 वर्षों की बात करें सोने के दाम में करीब 90 हजार रुपये का अब तक इजाफा हो चुका है. आइये एक नजर डाल लेते हैं 2007 से लेकर 2025 तक किस रेट से सोना बाजार में बिका.
भारत में 2007 से 2025 तक सोने की कीमत
साल | कीमत [24 कैरेट प्रति 10 ग्राम सोना] |
2007 | ₹ 10,800 |
2008 | ₹ 12,500 |
2009 | ₹ 14,500 |
2010 | ₹ 18,500 |
2011 | ₹ 26,400 |
2012 | ₹ 29,600 |
2013 | ₹ 28,007 |
2014 | ₹ 26,344 |
2015 | ₹ 28,624 |
2016 | ₹ 29,668 |
2017 | ₹ 31,438 |
2018 | ₹ 35,220 |
2019 | ₹ 48,651 |
2020 | ₹ 52,670 |
2021 | ₹ 48,651 |
2022 | ₹ 48,720 |
2023 | ₹ 65,330 |
2024 | ₹ 77,560 |
2025 | ₹ 1,00,000 |
क्या है कारण
सोने की बढ़ रहे दाम के कारणों पर अगर गौर करें तो इस वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की तरफ से लगाए गए टैरिफ के चलते काफी उथल-पुथल है. अमेरिक और चीन के बीच ट्रेड वॉर छिड़ा हुआ है. दो आर्थिक महाशक्ति के बीच इस व्यापारिक जंग और डॉलर की कीमत में गिरावट ने निवेशकों को गोल्ड पर भरोसा रखने को मजबूर कर दिया है.
बाजार में अनिश्चितताओं के इतर अमेरिकी अर्थव्यवस्था के सामने मंदी का खतरा भी पैदा हो गया है. अगर अमेरिका में मंदी आती है तो उसका भी पूरी दुनिया में असर देखने को मिलेगा. जिस वक्त 2 अप्रैल को राष्ट्रपति ट्रंप ने टैरिफ का एलान किया, उसके बाद से दुनियाभर के शेयर बाजार में कोहराम की स्थिति रही. हालांकि, 90 दिनों के लिए टैरिफ पर ट्रंप की तरफ से ब्रेक लगाए जाने के बाद बाजार रिकवरी कर रहा है. बहरहाल, सोने की बढ़ती कीमत की एक वजह भारत में शादी का सीजन भी है, जिसमें इसकी मांग और बढ़ जाती है.
कोटक महिंद्रा AMC के कोष प्रबंधक सतीश डोंडापति का कहना है, “इस वर्ष, ट्रेड टेंशन, ब्याज दरों में कटौती की उम्मीद, भू-राजनीतिक अनिश्चितताओं और डॉलर में गिरावट के चलते सोने और चांदी की कीमतों में काफी उतार-चढ़ाव देखा जा रहा है. अब तक सोने में 25 फीसदी से अधिक की बढ़ोतरी हुई है, जिसमें ट्रंप प्रशासन की तरफ से 2 अप्रैल को टैरिफ के एलान के बाद से 6% की बढ़ोतरी भी शामिल है.’
Also Read;
Keep these things in mind while buying gold: जाने सोने का ताजा भाव कैसे पता करें !