आंध्र प्रदेश के पूर्वी और पश्चिमी गोदावरी जिलों में नई ₹1,000 करोड़ की योजना के तहत ऊर्जा-कुशल तकनीक को बढ़ावा दिया जाएगा, जिससे बिजली बचत और हरित विकास को गति मिलेगी।
रणनीतिक क्षेत्र चयन – गोदावरी की बड़ी पहचान
केंद्र सरकार ने शक्ति मंत्रालय और BEE (Bureau of Energy Efficiency) के माध्यम से ADEETIE योजना लॉन्च की है, जिसमें कुल ₹1,000 करोड़ का बजट MSMEs को ऊर्जा दक्ष तकनीक अपनाने में सहायता करने के लिए आवंटित किया गया है
विशेष रूप से, West Godavari जिला पूरे कार्यक्रम में शामिल होगा, जबकि East और West Godavari दोनों को ग्लास-रिफ्रैक्टरी उद्योग में फोकस्ड सहायता के लिए चुना गया है
योजना का ढांचा और वित्तीय सहायता
- ₹875 करोड़ को interest subvention के रूप में MSMEs को सस्ती वित्तीय सुविधा उपलब्ध कराने के लिए आवंटित किया गया है।
- ₹50 करोड़ का हिस्सा योजना के कार्यान्वयन, क्षमता निर्माण और जागरूकता गतिविधियों के लिए रखा गया है
- पूरी योजना में 60 औद्योगिक क्लस्टर्स और 14 ऊर्जाहरित (energy-intensive) सेक्टरों—जैसे टेक्सटाइल, फाउंड्री, फ़ूड प्रोसेसिंग, रसायन—में चरणबद्ध रूप से विस्तार किया जाएगा
क्यों अहम है यह पहल?
- नवीकरणीय और ऊर्जा दक्षता: MSMEs के वित्तीय भार में कटौती और ऊर्जा लागत में गिरावट से उनकी उत्पादकता बढ़ेगी।
- बजट टर्नऑवर एवं निवेश उत्प्रेरण: इस पहल से अनुमानित ₹9,000 करोड़ से अधिक का निवेश स्थानीय उद्योगों द्वारा किया जाएगा
- सहयोग और राज्य सहभागिता: BEE के Additional Secretary Akash Tripathi और Secretary Milind Deore ने राज्यों से योजना लॉन्च के तत्काल बाद इसे गति देने और एसडीए (State Designated Agencies) के माध्यम से MSMEs का मार्गदर्शन करने की अपील की है
सारांश तालिका
पहलु | विवरण |
---|---|
योजना का नाम | ADEETIE |
बजट (कुल) | ₹1,000 करोड़ |
प्रमुख सहायता | ₹875 करोड़ interest subvention, ₹50 करोड़ कार्यान्वयन |
लक्षित सेक्टर | ग्लास-विरोधक उद्योग (ईस्ट एवं वेस्ट गोदावरी) + अन्य कलस्टर्स |
अपेक्षित निवेश | ₹9,000 करोड़ से अधिक |
प्राथमिक उद्देश्य | ऊर्जा उत्पादकता, MSME विकास, पर्यावरण स्थिरता |
निष्कर्ष

ADEETIE योजना MSMEs को ऊर्जा-कुशल तकनीकों को अपनाने की दिशा में एक उत्कृष्ट पहल है, जिसका प्रत्यक्ष प्रभाव उत्पादन लागत में कमी, पर्यावरण संरक्षण और स्थानीय आर्थिक संवर्धन जैसी महत्वपूर्ण लक्ष्यों पर होगा। गोदावरी जिलों में विशेष फोकस छोटे उद्योगों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा में सक्षम बनाएगा।
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