भारत अपनी ऊर्जा रूपांतरण यात्रा में तेजी ला रहा है, और पवन ऊर्जा इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही है। 2025 तक देश की कुल स्थापित पवन ऊर्जा क्षमता 51.67 GW पहुँच चुकी है, जिससे भारत विश्व के अग्रणी पवन ऊर्जा उत्पादकों में शामिल है।
Contents
🌬️ प्रमुख पवन ऊर्जा राज्यों और उनकी क्षमता
1. गुजरात

- स्थापित क्षमता: 12,473.78 मेगावाट
- मुख्य तथ्य: गुजरात ने तमिलनाडु को पीछे छोड़ते हुए पवन ऊर्जा में शीर्ष स्थान हासिल किया है। पिछले छह वर्षों में राज्य की पवन ऊर्जा क्षमता में दस गुना वृद्धि हुई है।
2. तमिलनाडु
- स्थापित क्षमता: 11,409.04 मेगावाट
- मुख्य तथ्य: मुप्पंडल विंड फार्म का घर, जो 1,500 MW क्षमता के साथ भारत के सबसे बड़े पवन फार्म में से एक है। तमिलनाडु देश की पवन ऊर्जा में महत्वपूर्ण योगदान देता रहा है।
3. कर्नाटक
- स्थापित क्षमता: 6,731.30 मेगावाट
- मुख्य तथ्य: कर्नाटक राज्य में कई पवन फार्म संचालित हैं और यह पवन ऊर्जा क्षमता में तीसरे स्थान पर है।
4. महाराष्ट्र
- स्थापित क्षमता: 5,216.38 मेगावाट
- मुख्य तथ्य: महाराष्ट्र ने अपनी पवन ऊर्जा अवसंरचना का विस्तार किया है, जिससे राष्ट्रीय ग्रिड में महत्वपूर्ण योगदान मिलता है।
5. राजस्थान
- स्थापित क्षमता: 5,195.82 मेगावाट
- मुख्य तथ्य: राजस्थान में विशाल अछूते पवन ऊर्जा संसाधन हैं। 150 मीटर हब ऊँचाई पर पवन ऊर्जा क्षमता लगभग 284.2 GW अनुमानित है।
🔋 नीति समर्थन और भविष्य का दृष्टिकोण

भारत की नवीकरणीय ऊर्जा नीति में प्रतिबद्धता स्पष्ट है। सरकार ने 2030 तक 500 GW गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता हासिल करने का लक्ष्य रखा है।
- IST प्रणाली शुल्क में छूट जैसी प्रोत्साहन योजनाओं ने पवन ऊर्जा निवेश को बढ़ावा दिया है।
- तकनीकी उन्नति और निजी क्षेत्र की भागीदारी पवन ऊर्जा परियोजनाओं को और मजबूत बना रही है।
⚡ आगामी पवन ऊर्जा परियोजनाएँ
खावड़ा रिन्यूएबल एनर्जी पार्क (गुजरात)
- प्रकार: हाइब्रिड (पवन + सौर)
- क्षमता: भारत के सबसे बड़े नवीकरणीय ऊर्जा पार्कों में से एक होने की संभावना
- मुख्य तथ्य: यह पार्क गुजरात की पवन क्षमता का अधिकतम उपयोग करेगा।
NTPC का तेलंगाना निवेश
- निवेश: ₹80,000 करोड़
- फोकस: पवन, सौर और फ़्लोटिंग सोलर परियोजनाएँ
- मुख्य तथ्य: NTPC तेलंगाना में 19 GW नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता विकसित करने की योजना बना रहा है, जिसमें बड़ी मात्रा में पवन ऊर्जा शामिल है।
🧭 निष्कर्ष
भारत का पवन ऊर्जा क्षेत्र तेजी से बढ़ रहा है। गुजरात, तमिलनाडु और कर्नाटक जैसे राज्य इस विकास में अग्रणी हैं। नीति समर्थन, तकनीकी उन्नति और निवेश के माध्यम से भारत अपनी नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य तक पहुँचने और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने की दिशा में अग्रसर है।
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