भारत में V2G टेक्नोलॉजी से EV अब सिर्फ वाहन नहीं बल्कि बिजली उत्पादक बनेंगे। यह तकनीक स्मार्ट ग्रिड और renewable energy integration के लिए अहम कदम है।
2025 में Electric Vehicles (EVs) केवल परिवहन का साधन नहीं रहेंगे, बल्कि Vehicle-to-Grid (V2G) Technology के ज़रिए बिजली ग्रिड के लिए ऊर्जा का स्रोत बनेंगे।
भारत में V2G टेक्नोलॉजी का उद्देश्य स्मार्ट ग्रिड और renewable energy integration को बढ़ावा देना है।
💡 V2G Technology क्या है?

V2G का मतलब है Vehicle-to-Grid – जिसमें EV की बैटरी में स्टोर ऊर्जा को ग्रिड में वापस भेजा जा सकता है।
- जब वाहन खड़ा होता है और बैटरी में चार्ज रहता है, तब इसे peak demand hours में ग्रिड को सप्लाई किया जा सकता है।
- यह तकनीक renewable energy fluctuations को संतुलित करने में मदद करती है।
🌟 V2G Technology के फायदे

- Smart Grid Integration – Grid की ऊर्जा मांग और आपूर्ति में संतुलन
- Renewable Energy Support – सोलर और विंड ऊर्जा का बेहतर उपयोग
- EV Owners के लिए Income Opportunity – अपने EV की बैटरी से ग्रिड को बिजली देकर अतिरिक्त आमदनी
- Load Management – Peak hours में Grid पर दबाव कम करना
- Environment Friendly – Fossil fuel dependency घटाना और carbon footprint कम करना
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⚡ भारत में V2G Technology का भविष्य

- EV adoption बढ़ने के साथ-साथ V2G infrastructure की भी जरूरत बढ़ रही है।
- Smart cities और renewable energy projects में V2G का उपयोग तेजी से होगा।
- EV manufacturers और utility companies मिलकर bidirectional charging stations तैयार करेंगे।
- 2026 तक V2G-enabled EVs भारत में mainstream होने की उम्मीद है।
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