केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बयान को झूठा बताते हुए कड़ी प्रतिक्रिया दी। रिजिजू ने IAF चीफ के खंडन का हवाला देते हुए कहा – झूठ बोलने की भी एक सीमा होती है।
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गृह मंत्री किरण रिजिजू ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी की टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की और कहा, “पर lying की एक सीमा होती है”। यह हमला विशेष रूप से गांधी द्वारा दिए गए कथन पर था कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय वायु सेना (IAF) को प्रतिबंधित किया गया था। रिजिजू ने यह टिप्पणी करते हुए IAF प्रमुख के स्पष्ट खंडन को भी उद्धृत किया।
मुख्य तथ्य
- राहुल गांधी का आरोप
लोकसभा में राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान केंद्र सरकार ने IAF को पाकिस्तान के एयर डिफेंस सिस्टम पर हमला न करने की आज्ञा दी, जिससे “उनके हाथ बंधे हुए थे”। - IAF प्रमुख ने किया खंडन
एयर चीफ मार्शल ए.पी. सिंह ने स्पष्ट किया कि वायु सेना को किसी भी प्रकार का प्रतिबंध नहीं था और सरकार की राजनीतिक इच्छाशक्ति ने ऑपरेशन की सफलता सुनिश्चित की। उन्होंने कहा कि “पूर्ण स्वतंत्रता” दी गई और जो सीमाएं थीं, वे स्वयं द्वारा निर्धारित थीं। - रिजिजू की तीखी प्रतिक्रिया
मंत्री रिजिजू ने गांधी की टिप्पणी को निंदनीय बताया और कहा कि यह न सिर्फ संसद की गरिमा को नीचा दिखाता है, बल्कि भारत की प्रतिष्ठा को भी नुकसान पहुंचाता है। उन्होंने गांधी से आग्रह किया कि संसद में मर्यादा का पालन किया जाए।
सारांश

- विवाद का केंद्र: राहुल गांधी की IAF के प्रति आरोपपूर्ण टिप्पणी और रिजिजू द्वारा की गई तीव्र प्रतिक्रिया।
- IAF का रुख: ऑपरेशन सिंदूर के दौरान कोई रोक-टोक नहीं थी; राजनीतिक समर्थन स्पष्ट था।
- राजनीतिक परिणाम: भाजपा द्वारा इस टिप्पणी को राष्ट्रीय सुरक्षा के संदर्भ में अनुचित और घातक बताया गया।
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