Things about Sidhbali Mandir Kotdwar : भारत में बजरंगबली हनुमान जी के अनेकों मंदिर स्थित है. लेकिन देवों की भूमि उत्तराखंड में सिद्ध बली हनुमान जी का अनोखा मंदिर स्थिति है, जहां का इतिहास निराला है.
Things about Sidhbali Mandir Kotdwar
सिद्धबली मंदिर
Sidhbali Mandir Kotdwar: देव भूमि उत्तराखंड में स्थित है सिद्धबली हनुमान जी का मंदिर. यह मंदिर उत्तराखंड के कोटद्वार में स्थित है. पूरे साल इस मंदिर में लोगों का तांता लगा रहता है, लाखों की संख्या में लोग यहां सिद्धबली हनुमान जी के दर्शन के लिए आते हैं.
सिद्धबली मंदिर में विराजमान पवनपुत्र हनुमान के दर्शन के लिए केवल उत्तराखंड से ही नहीं, बल्कि पूरे भारत से लोग यहां पहुंचते हैं. मान्यता है, यहां हनुमान जी हर भक्त की मनोकामना पूरी करते हैं. मनोकामना पूर्ण होने के बाद श्रद्धालु यहां भंडारा करवाते हैं,
कलियुग में शिव जी का अवतार कहे जाने वाले गुरू गोरखनाथ को इसी स्थान पर सिद्धि प्राप्त हुई थी, जिस कारण उन्हें सिद्धबाबा कहा जाता है, इसी कारण सिद्धबली मंदिर प्रसिद्ध है और लोग यहां बाबा के दर्शन के लिए आते हैं.
गोरख पुराण के अनुसार, गुरू गोरखनाथ के गुरू मछेंद्रनाथ पवनसुत बजरंग बली की आज्ञा से त्रिया राज्य की शासिका रानी मैनाकनी के साथ गृहस्थ आश्रम का सुख भोग रहे थे. जब गुरू गोरखनाथ को इस बात का पता चला तो वे अपने गुरू को त्रिया राज्य के मुक्त कराने को चल पड़े.
इसी स्थान पर बजरंग बली ने रूप बदल कर गुरू गोरखनाथ का मार्ग रोक लिया. जिसके बाद दोनों में भयंकर युद्ध हुआ. दोनों में से कोई भी एक-दूसरे को परास्त नहीं कर पाया, जिसके बाद बजरंग बली अपने वास्तविक रूप में आ गए व गुरू गोरखनाथ के तपो-बल से प्रसन्न होकर उन्हें वरदान मांगने को कहा.
गुरू गोरखनाथ ने हनुमान जी से इसी स्थान पर उनके प्रहरी के रूप में रहने की गुजारिश की. इसी वजह से गुरू गोरखनाथ और बजरंग बली हनुमान जी के कारण ही इस जगह का नाम ”सिद्धबली” पड़ा और आज भी यहां पवनपुत्र हनुमान प्रहरी के रूप में भक्तों की मदद करते हैं.
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