15 अगस्त 1947 भारत के इतिहास का वह स्वर्णिम दिन है जब देश ने ब्रिटिश शासन से आज़ादी पाई। तब से लेकर आज तक हर साल यह दिन पूरे जोश, गर्व और देशभक्ति के साथ मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि 1947 से 2025 तक स्वतंत्रता दिवस के उत्सव का सफर कैसा रहा।
1947 – आज़ादी की पहली सुबह

15 अगस्त 1947 को देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने लाल किले से पहली बार तिरंगा फहराया और अपना प्रसिद्ध “ट्रिस्ट विद डेस्टिनी” भाषण दिया। यह क्षण पूरे देश के लिए आज़ादी का प्रतीक बन गया।
1950 का दशक – संविधान लागू और राष्ट्रीय एकता
26 जनवरी 1950 को संविधान लागू होने के बाद स्वतंत्रता दिवस और भी खास हो गया। इस दशक में उत्सव का मुख्य उद्देश्य राष्ट्रीय एकता और नवनिर्माण था।
1960–1980 – देशभक्ति और चुनौतियाँ
1962, 1965 और 1971 के युद्धों के बाद स्वतंत्रता दिवस ने एक नए जोश के साथ देशभक्ति को और प्रबल किया। इन वर्षों में समारोहों में शहीद सैनिकों को श्रद्धांजलि देना एक अहम हिस्सा बना।
1990 का दशक – आर्थिक सुधार और आधुनिक भारत
1991 में आर्थिक उदारीकरण के बाद भारत ने विकास की नई राह पकड़ी। स्वतंत्रता दिवस के समारोहों में आधुनिक भारत की उपलब्धियों को भी शामिल किया जाने लगा।
2000–2010 – डिजिटल युग की शुरुआत
इंटरनेट और मोबाइल के आने से स्वतंत्रता दिवस के समारोह सोशल मीडिया तक पहुंच गए। लोग ऑनलाइन देशभक्ति के संदेश और तिरंगे की तस्वीरें साझा करने लगे।
2014–2020 – ‘मेक इन इंडिया’ और नए भारत का संकल्प
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लाल किले से कई बड़े अभियानों जैसे स्वच्छ भारत मिशन, मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया की घोषणाएं हुईं।
2020–2022 – कोविड-19 महामारी के बीच उत्सव
महामारी के दौरान स्वतंत्रता दिवस समारोह सीमित भीड़ और वर्चुअल कार्यक्रमों के साथ मनाया गया, लेकिन देशभक्ति का जज्बा कम नहीं हुआ।
2023–2025 – अमृत महोत्सव से संकल्प यात्रा
आजादी का अमृत महोत्सव (75 वर्ष) के बाद अब भारत 2047 तक विकसित राष्ट्र बनने के लक्ष्य के साथ आगे बढ़ रहा है। 2025 में स्वतंत्रता दिवस पर विज्ञान, तकनीक, हरित ऊर्जा और अंतरिक्ष मिशनों में भारत की उपलब्धियों पर विशेष जोर दिया जा रहा है।
निष्कर्ष
1947 से 2025 तक स्वतंत्रता दिवस सिर्फ एक राष्ट्रीय पर्व नहीं, बल्कि भारत की संघर्ष, प्रगति और सपनों की कहानी है। यह दिन हर भारतीय को गर्व और जिम्मेदारी का अहसास कराता है।
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