भारत में ग्रहों और ज्योतिष के प्रति लोग सदियों से गहरी आस्था रखते हैं। हर सूर्य ग्रहण (Surya Grahan) पर वैज्ञानिक तथ्य के साथ-साथ धार्मिक व सांस्कृतिक दृष्टिकोण से भी कुछ मान्यताएँ जुड़ी होती हैं। आइए जानते हैं 2025 के इस साल के अंतिम सूर्य ग्रहण के बारे में—क्या आज यह ग्रहण है, कहाँ दिखाई देगा, सूतक काल लागू होगा या नहीं, और क्या क्या करना चाहिए या नहीं।
🔭 ग्रहण की तारीख और समय
- यह आंशिक सूर्य ग्रहण (Partial Solar Eclipse) 21 सितंबर 2025 को होगा।
- समय (भारत मानक समय): रात 10:59 बजे से शुरू होकर अगले दिन (22 सितंबर) सुबह 3:23 बजे तक चलेगा।
- यह ग्रहण इस साल का आखिरी सूर्य ग्रहण होगा।
🌍 दृश्यता (Visibility)
- ग्रहण भारत से दिखाई नहीं देगा।
- यह ग्रहण विशेष रूप से दक्षिणी गोलार्ध (Southern Hemisphere) के हिस्सों में दिखाई देगा—जैसे ऑस्ट्रेलिया, न्यूज़ीलैंड, प्रशांत महासागर के द्वीप आदि।
⏳ सूतक काल (Sutak Kaal) – क्या लागू होगा?
- चूंकि यह ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल भारतीय मान्यताओं के अनुसार लागू नहीं होगा।
- सूतक काल सामान्यतः ग्रहण से कुछ घंटे पहले शुरू होता है और ग्रहण समाप्त होने तक जारी रहता है; लेकिन इसका पालन उस क्षेत्र में ही किया जाता है जहाँ ग्रहण देखा जा सकता हो।
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🧘 धार्मिक, ज्योतिषीय महत्व
- यह ग्रहण विरगो (Kanya) राशि में होगा।
- ग्रही-ज्योतिष की मान्यताएँ कहती हैं कि ऐसे समय में सकारात्मक और नकारात्मक ऊर्जा का संतुलन बिगड़ सकता है। लोग विशेष मंत्रों का जाप करते हैं, धार्मिक ग्रंथ पढ़ते हैं।
- साथ ही आज की स्थिति पितृपक्ष / श्राद्ध के समय या कुछ धार्मिक पृष्ठभूमि के लिए विशेष महत्व रख सकती है।
⚠️ सावधानियाँ और क्या करें-क्या न करें
चाहे ग्रहण दिखाई दे रहा हो या नहीं, परंपरागत दृष्टि से और खगोल वैज्ञानिकों की सलाह के आधार पर कुछ सावधानियाँ हमेशा उपयोगी होती हैं:
करें:
- प्रार्थना, ध्यान, मंत्र जाप किए जा सकते हैं यदि आप धार्मिक हैं।
- यदि ग्रहण उन क्षेत्रों में दिख रहा हो जहाँ आप हैं, तो सोलर इकलिप्स ग्लास या सुरक्षित फिल्टर का इस्तेमाल करें। आँखों की सुरक्षा बहुत जरूरी है।
- रोजमर्रा की ज़रूरतों या मानसिक शांति के लिए थोड़ा समय निकालें—ध्यान या सृष्टि-प्रकृति के प्रति जागरूकता बढ़ाने वाले काम करें।
न करें:
- बिना सुरक्षा के सूर्य की ओर सीधे नजर न लगाएँ। सामान्य धूप के चश्मे भी पर्याप्त संरक्षण नहीं देते।
- यदि आप गर्भवती हैं, तो शरीर पर जोर देने वाली गतिविधियाँ न करें। कुछ धार्मिक मान्यताएँ शारीरिक आराम, शुद्धता, सफाई आदि निर्देशित करती हैं।
- ग्रहण समय में नए काम शुरू करना, खाना बनाना आदि से बचें, अगर धार्मिक दृष्टि से आप इन्हें मानते हैं।
💡 वैज्ञानिक दृष्टिकोण और लाभ
- ग्रहण एक प्राकृतिक खगोलीय घटना है—चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है और सूर्य की कुछ किरणों को रोकता है। यह पूरी तरह से ब्लॉक नहीं करता क्योंकि यह आंशिक ग्रहण है।
- इसे खगोल विज्ञान, ब्रह्मांडीय संरचना, ग्रहों-पथ आदि की समझ बढ़ाने का अवसर माना जाता है।
✅ निष्कर्ष
आज कोई Surya Grahan नहीं है जो भारत से देखा जा सके। इसका ग्रहण भारत में दिखाई नहीं देगा, इसलिए सूतक काल और अन्य धार्मिक नियम अधिकांश भागों में लागू नहीं होंगे। लेकिन यह घटना उन स्थानों पर देखी जा सकती है जहाँ दिखाई दे रही है। फिर भी ग्रहण समय और खगोलीय घटनाओं को समझना महत्वपूर्ण है—विज्ञान से दृष्टिकोण भी हमें बहुत कुछ सिखाते हैं।
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