सोशल मीडिया सिर्फ मनोरंजन का माध्यम नहीं रहा; 2025 में यह कई विवादों, झूठी खबरों और गहरे मसलों का कारण भी बन गया है। मीम्स, Deepfakes, राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप, और ऑनलाइन सुरक्षा से जुड़े मुद्दे सामने आए हैं। आइए दिखते हैं कुछ ताज़ा मामले, फैक्ट-चेक, और यह कि हम कैसे सोशल मीडिया पर सतर्क रह सकते हैं।
🔍 ताज़ा विवाद और घटनाएँ
- AI जनित वीडियो vs राजनीतिक आरोप
आंध्र प्रदेश सरकार ने चेतावनी दी है कि एक वीडियो सोशल मीडिया पर फैल रहा है जिसमें मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू को किसानों को धमकी देते हुए दिखाया गया है। यह Deepfake / AI-मैनिपुलेशन था।

- Bigg Boss 19 Tanya Mittal के “हाउस टूअर” वीडियो की फर्जी कहानी
एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें दावा किया गया कि बिग बॉस कंटेस्टेंट Tanya Mittal का आलीशान घर दिखाया जा रहा है। फैक्ट-चेक में पाया गया कि वह वीडियो पाकिस्तान के इस्लामाबाद के एक पैलेस का है, न कि Tanya का घर।

- Meta / Facebook / Instagram fact-checking नीति में बदलाव
Meta ने कुछ पोस्टों के लिए तृतीय-पक्ष fact-checkers की भूमिका कम कर दी है और सामुदायिक नोट्स (community notes) जैसी व्यवस्था बढ़ाई है। इससे उपयोगकर्ताओं में झूठी खबरों और ऑनलाइन विश्वास (trust) के मुद्दे पर चिंता बढ़ी है।

- उर्दू शिक्षक / यूट्यूबर और एक WhatsApp ग्रुप विवाद
नागपुर में एटीएस ने एक उर्दू शिक्षक/यूट्यूबर को पाकिस्तान-स्थापित व्हाट्सऐप ग्रुप से जुड़े होने के संदेह में पूछताछ के लिए बुलाया गया। ग्रुप पर विदेश समर्थक सामग्री और विवादित पोस्ट्स के प्रसार का आरोप है। बाद में वे 8 घंटे पूछताछ के बाद छोड़ दिए गए, लेकिन मामला निगरानी में है।

- #BoycottINDvPAK और #BoycottAsiaCup ट्रेंड
भारत-पाकिस्तान के बीच क्रिकेट मैच से पहले ये हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं, खासकर Pahalgam हमले के बाद राजनीतिक और भावनात्मक तनाव के कारण। कुछ लोगों ने इसे राष्ट्रीय भावना के खिलाफ असंवेदनशील बताया।
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- मानहानि और झूठे आरोप
चेन्नई में एक मामला जिसमें HR&CE मंत्री और मेयर के ख़िलाफ़ सोशल मीडिया पर क्लर्ककारण पोस्ट्स/विडियोज़/ऑडियो साझा किए जाने का आरोप है, जिन्होंने उन्हें बदनाम करने की कोशिश की। पुलिस ने साइबर क्राइम के तहत मामला दर्ज किया है।

🧾 फ़ैक्ट-चेक: क्या सही है, क्या फर्जी?
| दावा | पुष्ट तथ्य |
|---|---|
| Tanya Mittal का महल घर वीडियो | फर्जी; वीडियो पाकिस्तान के इस्लामाबाद के एक पैलेस का है, न कि उनका। |
| AI वीडियो जिसमें Naidu किसानों को जेल की धमकी दे रहे हों | मैनिप्युलेटेड; सरकार ने बताया कि ये झूठ है। |
| Meta द्वारा fact-checkers हटाना | हँ, Meta ने कुछ पोस्टों पर पहले से तृतीय-पक्ष fact-checking नियंत्रित करना कम कर दिया है, और लोगों ने इस फैसले पर चिंता जताई है। |
✅ निष्कर्ष और सीखें

- सोशल मीडिया पर हर चीज़ तुरंत सच न हो; वायरल खबरें अक्सर context खो जाने या manipulation की वजह से फैलती हैं।
- Deepfake और AI की तकनीक इतनी प्रभावशाली हो चुकी है कि देखने में असली-जैसी दिखाई दे, इसलिए स्रोत एवं पुष्ट जानकारी की जांच बेहद ज़रूरी है।
- सार्वजनिक व्यक्तित्वों, समाचार एजेंसियों और fact-checking संस्थाओं की जिम्मेदारी बढ़ गयी है कि वे झूठी खबरों को रोकें।
📌 FAQ – Social Media Controversies & Fact Check 2025
Q1. Deepfake या AI जनित वीडियो कैसे पहचानें?
➡️ चेहरे या आवाज़ बारी-बारी अजीब लगी हो, लिंक / स्रोत गायब हो, या वीडियो सिर्फ एक भरोसेमंद news outlet ने रिपोर्ट किया हो — ये संकेत हो सकते हैं।
Q2. सोशल मीडिया प्लेटफार्मों की fact-checking नीति बदलने से क्या असर होगा?
➡️ झूठी खबरों का प्रसार बढ़ सकता है, लेकिन उपयोगकर्ता चेतावनी देने वाले टैग और community notes जैसे विकल्प ज़्यादा जरूरी हो जाएंगे।
Q3. क्या कानून उन्हें रोक सकते हैं जो झूठी खबरें फैलाते हैं?
➡️ हाँ, कई मामलों में FIR दर्ज हो रही है, पुलिस और साइबर सेल जांच कर रहे हैं, लेकिन कानूनी प्रक्रिया धीमी हो सकती है।
Q4. उपयोगकर्ता के तौर पर हम क्या कर सकते हैं?
➡️ – स्रोत देखें (reliable news / fact-check website)
➡️ वायरल वीडियो पुनः वायरल करने से पहले जांच करें
➡️ अधिकारिक / सरकारी बयान पर भरोसा करें
➡️ सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर misinformation रिपोर्ट करें
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