भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला 18 दिन के ऐतिहासिक मिशन के बाद सफलतापूर्वक भारत लौट आए। उन्होंने अंतरिक्ष में रहते हुए 7 माइक्रोग्रैविटी शोध पूरे किए, जो भारत के अंतरिक्ष अनुसंधान को नई दिशा देंगे।
🌌 अंतरिक्ष से ऐतिहासिक वापसी
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला ने अंतरिक्ष में 18 दिन का गहन मिशन पूरा कर लिया है और वे अब सुरक्षित भारत लौट आए हैं। उनका मिशन न केवल तकनीकी रूप से अत्यंत जटिल था, बल्कि उसमें विज्ञान और स्वास्थ्य अनुसंधान के क्षेत्र में भी क्रांतिकारी प्रयोग शामिल थे।
🧪 माइक्रोग्रैविटी में 7 महत्वपूर्ण शोध
अंतरिक्ष में रहते हुए, शुक्ला ने 7 विभिन्न शोध प्रोजेक्ट्स को अंजाम दिया, जिनमें शामिल हैं:
- कोशिका विभाजन पर माइक्रोग्रैविटी का प्रभाव
- मानव हृदय की धड़कनों पर भारहीनता का असर
- जैविक पौधों की वृद्धि क्षमता
- रेडिएशन के प्रभाव पर मानव त्वचा की प्रतिक्रिया
- नींद और मानसिक संतुलन पर अंतरिक्ष का प्रभाव
- ऊर्जा अवशोषण पर नैनोटेक्नोलॉजी आधारित रिसर्च
- अंतरिक्ष यान में जल पुनर्चक्रण प्रणाली का परीक्षण
इन प्रयोगों से प्राप्त आंकड़े ISRO और DRDO जैसी संस्थाओं के लिए बहुमूल्य होंगे।
🇮🇳 राष्ट्र के लिए गौरव का क्षण
प्रधानमंत्री कार्यालय से जारी बयान में शुभांशु शुक्ला की सराहना करते हुए कहा गया कि,
“यह मिशन भारत की वैज्ञानिक क्षमता का प्रमाण है और अंतरिक्ष अन्वेषण में हमारी बढ़ती उपस्थिति को दर्शाता है।”
✨ भविष्य की झलक
शुक्ला की वापसी ने भारत के गगनयान मिशन और अन्य मानवयुक्त अभियानों के लिए उत्साह और विश्वास बढ़ाया है। आने वाले वर्षों में उनकी प्रयोगात्मक रिपोर्ट्स को विभिन्न अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ साझा किया जाएगा।
📸 तस्वीरें और मीडिया रिपोर्ट्स
उनकी वापसी का सीधा प्रसारण ISRO ने सोशल मीडिया और टीवी चैनलों के माध्यम से किया। विमान से उतरते समय उनकी मुस्कान और हाथ में पकड़ा तिरंगा देशवासियों को गौरवान्वित कर गया।
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