श्राद्ध (Pitru Paksha) हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो पूर्वजों की आत्मा की शांति और मोक्ष के लिए किया जाता है। हर साल भाद्रपद मास की पूर्णिमा से लेकर अमावस्या तक (लगभग 15 दिन) पितृ पक्ष मनाया जाता है। इस दौरान श्रद्धालु अपने पूर्वजों को तर्पण, पिंडदान और भोजन अर्पित करके उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करते हैं।
श्राद्ध का महत्व
- पितृ तृप्ति – श्राद्ध करने से पूर्वज प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं।
- आत्मिक संतुलन – यह कर्म वंश परंपरा और पूर्वजों से जुड़ाव का प्रतीक है।
- पुण्य का लाभ – श्राद्ध से परिवार में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहती है।
- धार्मिक कर्तव्य – हिंदू धर्म में इसे पुत्र/वंशज का सबसे बड़ा कर्तव्य माना गया है।
श्राद्ध की विधि
- सुबह स्नान करके शुद्ध वस्त्र धारण करें।
- पूर्वजों के नाम से पिंडदान (चावल, तिल, जौ, जल) अर्पित करें।
- ब्राह्मणों और जरूरतमंदों को भोजन व दान दें।
- गंगा जल या पवित्र नदी का जल तर्पण के लिए प्रयोग करें।
- “ॐ पितृभ्यः स्वधा” मंत्र का जाप करके पूर्वजों का आशीर्वाद प्राप्त करें।
श्राद्ध में क्या करें और क्या न करें
✅ करें:
- पितरों के लिए श्रद्धा और भक्ति से अनुष्ठान करें।
- ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराएँ।
- सादगी और शुद्धता बनाए रखें।
❌ न करें:
- झूठ, शराब और मांसाहार से बचें।
- दिखावे के लिए अनुष्ठान न करें।
- गुस्सा और अहंकार से दूर रहें।
2025 में श्राद्ध (पितृ पक्ष) की तिथियाँ
👉 2025 में पितृ पक्ष की शुरुआत 7 सितंबर 2025 से होगी और समाप्ति 21 सितंबर 2025 को होगी।
निष्कर्ष
श्राद्ध और पितृ पक्ष केवल धार्मिक अनुष्ठान ही नहीं बल्कि परिवार और पूर्वजों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक हैं। श्रद्धा और भक्ति से किए गए श्राद्ध से पितरों की आत्मा को शांति मिलती है और परिवार में सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
📌 FAQ – श्राद्ध 2025 (Pitru Paksha)
Q1: श्राद्ध 2025 कब से कब तक है?
A1: श्राद्ध (पितृ पक्ष) 2025 में 7 सितंबर से शुरू होकर 21 सितंबर तक चलेगा।
Q2: श्राद्ध क्यों किया जाता है?
A2: श्राद्ध पूर्वजों की आत्मा की शांति, मोक्ष और परिवार की समृद्धि के लिए किया जाता है।
Q3: श्राद्ध में क्या अर्पित किया जाता है?
A3: पिंडदान में चावल, तिल, जौ, जल और गंगाजल अर्पित किए जाते हैं।
Q4: श्राद्ध के समय क्या करना चाहिए?
A4: ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन कराना, पिंडदान करना और पवित्रता बनाए रखना।
Q5: श्राद्ध में क्या नहीं करना चाहिए?
A5: श्राद्ध में मांसाहार, शराब, झूठ, गुस्सा और दिखावा करने से बचना चाहिए।
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