सेवा भोज योजना के तहत अभी तक लाखों संस्थाओं को CGST/IGST प्रतिपूर्ति दी गई है। आवेदन NITI Aayog NGO Darpan और CSMS पोर्टल पर, और हर तिमाही तक 5,000 लाभार्थियों के निशुल्क भोजन का प्रमाण आवश्यक है। जानते हैं पूरी प्रक्रिया।
ताज़ा अपडेट और मुख्य तथ्य:
- सीजीएसटी/आईजीएसटी प्रतिपूर्ति का लक्ष्य
सेवा भोज योजना धर्मार्थ संस्थाओं को नमूना मुक्त भोजन (प्रसाद, लंगर, भंडारा) की कच्ची सामग्री पर चुका हुआ CGST और केंद्र सरकार के हिस्से वाला IGST वापस करती है। - पंजीकरण और आवेदन प्रक्रिया में पारदर्शिता
लाभ के लिए संस्थाओं को NITI Aayog के NGO Darpan Portal पर पंजीकरण और CSMS पोर्टल पर नामांकन करना अनिवार्य है। इसके बाद वे संबंधित राज्य में नोडल केंद्रीय कर अधिकारी के माध्यम से UIN (Unique Identity Number) प्राप्त करती हैं। - दावों का सत्यापन और प्रक्रिया
प्रतिपूर्ति क्लेम quarterly (SBY-03 फॉर्म) के ज़रिए दाखिल किया जाता है और चार्टर्ड अकाउंटेंट प्रमाण-पत्र का संलग्न होना जरूरी होता है। फिर नोडल अधिकारी संभावित क्लेम को देख, SBY-05 और SBY-06 तैयार कर निपटते हैं। - पारदर्शिता सुनिश्चित—रिपोर्टिंग & मॉनिटरिंग
UIN जारी करने और प्रतिपूर्ति राशि की रिपोर्टिंग मासिक आधार पर नोडल अधिकारियों द्वारा DG-GST और संस्कृति मंत्रालय को की जाती है।
सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
प्रतिपूर्ति | CGST/IGST का केंद्र सरकार हिस्सा |
पंजीकरण पोर्टल | NGO Darpan और CSMS |
पात्रता शर्ते | प्रति माह कम से कम 5,000 लोगों को निशुल्क भोजन |
दस्तावेज़ प्रक्रिया | SBY-01 से SBY-06 तक के क्लेम ड्राफ्ट |
रिपोर्टिंग और मॉनिटरिंग | DG-GST और संस्कृति मंत्रालय को मासिक डेटा प्रेषण |
निष्कर्ष
“सेवा भोज योजना” धर्मार्थ संस्थाओं को वित्तीय राहत प्रदान कर उनके निशुल्क भोजन कार्य को पुख्ता करती है। प्रक्रिया में पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए पोर्टल और दस्तावेज़ीकरण की व्यवस्था स्पष्ट, व्यवस्थित और प्रभावी बनी हुई है।
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