Sensex ने जुलाई 2025 में अमेरिकी आयात शुल्क की धमकी, IT शेयरों में दबाव और weak earnings के चलते 296 अंक की गिरावट दर्ज की। लेकिन strong domestic flows और infrastructure gains ने recovery को मजबूत किया। स्टॉक मार्किट अपडेट यहाँ पढ़ें।
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🔍 1. हालिया चलन – गिरावट और प्रतिक्रिया
- 31 जुलाई 2025 को Sensex में लगभग 296 अंक (0.36%) की गिरावट आई और यह 81,185.58 पर बंद हुआ। Nifty भी 86.70 अंक (0.35%) नीचे आकर 24,768.35 पर रहा।
- यह गिरावट मुख्यतः अमेरिका के 25% आयात शुल्क की धमकी और अंतरराष्ट्रीय व्यापार तनावों के प्रभाव से आई—लेकिन बाज़ार ने जल्द सुधार भी दिखाया।
📊 2. प्रमुख ड्राइवर्स और बाज़ार भावना

- IT स्टॉक्स पर दबाव पड़ा क्योंकि वैश्विक व्यापार के खतरों और अमेरिकी आयात शुल्क की अनिश्चित स्थिति ने निवेशकों को सतर्क किया।
- Kotak Mahindra Bank की कमजोर परिणाम रिपोर्ट ने बैंकिंग सेक्टर को प्रभावित किया।
- वहीं दूसरी ओर, L&T जैसे infrastructure giant की मजबूत कमाई से कुछ सकारात्मक प्रेशर भी देखने को मिला।
🌍 3. बाज़ार की मजबूत प्रवृत्ति: पहले और बाद में
- जुलाई की शुरुआत में Sensex ने record high के करीब 83,755 तक चढ़ाव किया—जो लगभग 3% नीचे है अपने सितंबर 2024 के उच्चस्तर (85,978) से।
- घरेलू निवेश प्रवाह (DII), मजबूत मुनाफा और blue-chip स्टॉक्स (Reliance, बैंकिंग) ने rally को समर्थन किया।
⚖️ 4. राजनीतिक तनावों के बावजूद Resilience
- U.S. President की tariff नीति से बाज़ार पहले गिरा, लेकिन बाद में तेजी से उबर गया, जिससे दिखा कि निवेशकों ने इसे negotiation tactic माना—cautious but resilient।
- विशेषज्ञों के अनुसार, धारणा थी कि ये tariff लंबी अवधि तक नहीं बने रहेंगे, जिससे sentiment जल्दी लौट पाया।
📋 Quick Snapshot
विषय | विवरण |
---|---|
Sensex बंद | 81,185.58 (-296 अंक / -0.36%) |
Nifty बंद | 24,768.35 (-0.35%) |
कैसे घटा? | अमेरिकी tariffs से डर, IT & बैंकिंग दबाव |
Recovery कारक | strong domestic flows, Q1 earnings, infrastructure gains |
July की रफ़्तार | Higher side ~83,755; ~3% नीचे current from Sept record |
Outlook | Volatile short-term, मजबूत long-term potential |
💡 विशेषज्ञ सुझाव और रणनीति
- Short-term volatility के लिए prudence आवश्यक—trigger: global cues, oil price, rupee movement।
- Diversified blue-chip holdings और FMCG stocks की ओर ध्यान दें, क्योंकि ये बाज़ार में जल्दी bounce back कर सकते हैं।
- यदि अमेरिकी tariffs की आर्थिक असर स्पष्ट नहीं होती, RBI may intervene to stabilize rupee (current ~87.7–85.5) and sentiment।
- निवेशक दृष्टिकोण: Long-term के लिए Sensex समर्थ, लेकिन short-term में caution और sector rotation—esp. from IT/pharma to infrastructure/banks—उपयुक्त रहेगा।
Disclaimer: ऊपर दिए गए विचार और सिफारिशें व्यक्तिगत विश्लेषकों या ब्रोकिंग कंपनियों के विचार हैं, न कि न्यूज़ जागरण के। हम निवेशकों को सलाह देते हैं कि वे कोई भी निवेश निर्णय लेने से पहले प्रमाणित विशेषज्ञों से सलाह लें।
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