जम्मू-कश्मीर के पूर्व राज्यपाल सत्यपाल मलिक (Age 79) ने आज दोपहर 1:10 बजे दिल्ली के राम मनोहर लोहिया अस्पताल में लंबी बीमारी के बाद अंतिम सांस ली। यह जानकारी उनके निजी सचिव KS Rana द्वारा पुष्टि की गई। उनके उत्तराधिकारी कोलंबिया (X) अकाउंट पर घटना की घोषणा की गई।
📌 उनका राजनीतिक जीवन: निजी से राजकीय महत्त्व तक
- जन्म: 24 जुलाई 1946, हिसावड़ा (ब्रिटिश इंडिया)
- शैक्षणिक पृष्ठभूमि: Meerut University से B.Sc. और LLB
- राजनीतिक सफर:
- 1974 में पहली बार विधायक, बाद में Rajya Sabha और Lok Sabha के सदस्य रहे
- विभिन्न पार्टियों से जुड़े: Bhartiya Kranti Dal, Congress, Janata Dal और BJP तक
- राज्यपाल पद:
- Bihar (2017–2018)
- Odisha (अतिरिक्त कार्यभार)
- Jammu & Kashmir (2018–2019): उनके कार्यकाल में अनुच्छेद 370 का निरसन हुआ
- बाद में Goa (2019–2020) और Meghalaya (2020–2022) में राज्यपाल रहे
उनकी जवाबदेही और बेबाक राय उन्हें राजनीतिक जगत में अलग पहचान देती थी। उनके कई विवादास्पद बयानों ने उन्हें केंद्र के लिए चुनौतीपूर्ण बना दिया था।
⚖️ भ्रष्टाचार मामले में CBI का चार्जशीट

- 23 मई 2025 को CBI ने सत्यपाल मलिक व अन्य व्यक्तियों के खिलाफ ₹2,200 करोड़ के किरु (Kiru) जलविद्युत परियोजना ठेके में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए चार्जशीट दाखिल की थी। यह मामला चुनाव पूर्व एक संवेदनशील मुद्दा बना हुआ था।
📋 अपडेट सारांश
विषय | जानकारी |
---|---|
निधन तिथि | 5 अगस्त 2025 दोपहर 1:10 बजे |
निधन स्थल | डॉ. राम मनोहर लोहिया अस्पताल, दिल्ली |
आयु | 79 वर्ष |
स्वास्थ्य कारण | किडनी संबंधी बीमारी, लंबे इलाज के पश्चात निधन |
RAJ राजनीतिक पद | J&K, Goa, Meghalaya, Bihar, Odisha |
महत्वपूर्ण घटना | 5 अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 निरसन |
CBI चार्जशीट | किरु परियोजना में भ्रष्टाचार का आरोप |
राजनीतिक यात्रा | MLA, Rajya Sabha, Lok Sabha — कई दलों में |
🧠 निष्कर्ष
सत्यपाल मलिक का राजनीतिक जीवन विविधता और तीखी बयानबाज़ी से भरा था। उन्होंने राज्यपाल के रूप में महत्वपूर्ण निर्णय लिए, जिनमें जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटना एक ऐतिहासिक मोड़ था। उनके निधन से सार्वजनिक जीवन और प्रशासनिक दृष्टिकोण में एक युग का अंत हुआ है।
उनकी मौत ने राजनीतिक आकाश में एक महत्वपूर्ण स्थान छोड़ा है—एक नेता जो विवादास्पद भी था और प्रभावशाली भी।
Also Read;
भारतीय थलसेना अपडेट: ऑपरेशन अक़ाल, बैटालियन‑स्तर ड्रोन, ऑपरेशन महादेव और अधिक — अगस्त 2025