वित्त वर्ष 2025–26 में समग्र शिक्षा अभियान के लिए ₹41,250 करोड़ का बजट आवंटित किया गया। यूपी ने ‘स्कूल चलो अभियान’ के तहत हर जिले को ₹2 लाख की राशि दी, जबकि तमिलनाडु, केरल और पश्चिम बंगाल को फंड जारी करने में विवाद बरकरार है—जानिए ताज़ा स्थिति।
नवीनतम अपडेट्स:
- बजट आवंटन में वृद्धि
2025–26 के बजट में व्यापक शिक्षा विभाग को ₹78,572 करोड़ आवंटित किए गए, जिसमें समग्र शिक्षा अभियान (SSA) को ₹41,250 करोड़ मिले—पिछले वर्ष के ₹37,010 करोड़ से अधिक। PM POSHAN को ₹12,500 करोड़ (पिछले ₹10,000 करोड़ से अधिक) और PM-SHRI को ₹7,500 करोड़ (पिछले ₹4,500 करोड़ से) आवंटित किया गया है। - प्रांत-स्तर पर शिक्षा अभियान: UP का मॉडल
उत्तर प्रदेश में ‘स्कूल चलो अभियान 2025–26’ शुरू किया गया, जिसमें हर जिले को ₹2 लाख का फंड आवंटित है। यह पहल सुनिश्चित करती है कि 6–14 वर्ष के किसी भी बालक को शिक्षा से वंचित नहीं रहना पड़े और बच्चों की नियमित उपस्थिति दर्ज की जाए। - राष्ट्रनीति 2020 और योजना का विस्तार
समग्र शिक्षा अभियान को NEP 2020 के अनुरूप अप-टू-डेट करते हुए मार्च 2026 तक (संशोधित SS 2.0) जारी रखने की मंजूरी दी गई है, जिसमें लगभग ₹2.94 लाख करोड़ की कुल वित्तीय व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। यह अभियान पूर्वस्कूल से स्कूली शिक्षा तक सभी स्तरों को कवर करता है और NEP की महत्वपूर्ण अनुशंसा पर आधारित है। - विवाद: फंड जारी में देरी—कुछ राज्यों में रोका गया बजट
PM-SHRI मॉडल अपनाने में अनिच्छा दिखाने पर केंद्र ने SSA फंड में बाधा डाली है। तमिलनाडु को 2024–25 में ₹2,151 करोड़ फंड नहीं मिले, जबकि केरल और पश्चिम बंगाल का भी फंड ब्लॉक किया गया है। विरोधी दलों ने इस राजनीति को संघीयता का उल्लंघन बताया है।
संग्रहीत सारांश तालिका
पहलू | विवरण |
---|---|
बजट आवंटन (2025–26) | SSA ₹41,250 करोड़; PM SHRI ₹7,500 करोड़; PM POSHAN ₹12,500 करोड़ |
UP ‘स्कूल चलो अभियान’ | प्रत्येक जिले को ₹2 लाख जारी |
नीति विस्तार | NEP 2020 अनुरूप SS 2.0, मार्च 2026 तक जारी |
विवाद | तमिलनाडु, केरल, व बंगाल को संघीय विवाद के कारण फंड रोक |
निष्कर्ष

समग्र शिक्षा अभियान अब शिक्षा के सभी पहलुओं—इन्टरसेक्शनल समावेशन से लेकर डिजिटल नवाचार—में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। बजट में बढ़ोतरी सकारात्मक संकेत है, वहीं राज्यों के बीच के संघीय राजनीति परिदृश्य इस योजना के प्रभावशीलता को चुनौती दे रहा है। ‘स्कूल चलो अभियान’ जैसे स्थानीय प्रयास शिक्षा की पहुँच सुनिश्चित करते हुए सशक्त भविष्य का निर्माण कर रहे हैं।
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