Rooftop Farming 2026 से शहरों में छतों पर ऑर्गेनिक खेती संभव। जानें फायदे, तकनीक और भारत में ग्रीन क्रांति की नई पहल।
शहरों में बढ़ती आबादी और घटती हरी जगहों ने लोगों को सस्टेनेबल विकल्प तलाशने पर मजबूर कर दिया है। ऐसे में Rooftop Farming यानी छत पर खेती करना, 2026 तक शहरी जीवन का अहम हिस्सा बन रहा है। यह न सिर्फ ताज़ी सब्ज़ियाँ और फल उगाने का तरीका है, बल्कि प्रदूषण कम करने और जीवनशैली को स्वस्थ बनाने का भी साधन है।
Rooftop Farming क्या है?

- इमारतों, घरों और ऑफिस की छत पर मिट्टी, हाइड्रोपोनिक्स या वर्टिकल गार्डनिंग के जरिए खेती करना।
- किचन गार्डन से लेकर बड़े पैमाने की खेती तक – छतों को हरा-भरा बनाने की तकनीक।
- सोलर पैनल + खेती का कॉम्बिनेशन, जिससे बिजली और सब्ज़ी दोनों का फायदा।
Rooftop Farming के फायदे

- ताज़ा और ऑर्गेनिक फसल – बिना केमिकल्स के सीधा घर की छत से।
- पर्यावरण संतुलन – प्रदूषण घटाने और ऑक्सीजन बढ़ाने में मदद।
- हीट आइलैंड इफ़ेक्ट कम करना – छत पर पौधे लगाने से तापमान नियंत्रित रहता है।
- जल संरक्षण – ड्रिप इरिगेशन और वाटर रीसाइक्लिंग के साथ।
- आर्थिक लाभ – घर की ज़रूरत की सब्ज़ियाँ खुद उगाना।
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2026 में Rooftop Farming की टेक्नोलॉजी

- हाइड्रोपोनिक्स सिस्टम – मिट्टी के बिना पानी और पोषक तत्वों से खेती।
- वर्टिकल फार्मिंग यूनिट्स – कम जगह में ज़्यादा उत्पादन।
- AI और IoT आधारित मॉनिटरिंग – पौधों को सही मात्रा में पानी और पोषण देना।
- रेनवॉटर हार्वेस्टिंग इंटीग्रेशन – छत पर इकट्ठा पानी से खेती करना।
भारत में Rooftop Farming की पहल
- दिल्ली, चेन्नई और बेंगलुरु जैसे शहरों में नगर निगम द्वारा छत पर खेती को बढ़ावा।
- कई स्टार्टअप और NGOs शहरी परिवारों को किट्स और ट्रेनिंग दे रहे हैं।
- स्मार्ट सिटी मिशन में Rooftop गार्डनिंग को शामिल किया जा रहा है।
चुनौतियाँ
- जगह और वजन की सीमाएँ।
- शुरुआती इंस्टॉलेशन लागत।
- देखभाल और तकनीकी ज्ञान की कमी।
निष्कर्ष
Rooftop Farming 2026 शहरी भारत की नई ग्रीन क्रांति है। यह न सिर्फ खाद्य सुरक्षा और स्वास्थ्य लाभ देगा, बल्कि सस्टेनेबल सिटी और पर्यावरण संरक्षण में भी अहम योगदान करेगा। आने वाले वर्षों में हर शहर की छतें हरी-भरी दिखना सामान्य बात होगी।
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