ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री Rishi Sunak ने अपनी नई भूमिका संभाल ली है — इस बार राजनीति के बजाय ग्लोबल बैंकरिंग वर्ल्ड में। आइए देखें क्या कह रहे हैं मीडिया रिपोर्ट्स:
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💼 नया कदम – गोल्डमैन सैक्स में वरिष्ठ सलाहकार
- Sunak को गोल्डमैन सैक्स में Senior Adviser के रूप में नियुक्त किया गया है, जहां वे मैक्रो‑इकोनॉमिक और भू‑राजनीतिक मुद्दों पर सलाह देंगे
- सलाहकार पद के लिए UK की सरकारी संस्था ACoba ने मंज़ूरी दी है, साथ ही एक साल तक कोई सरकारी लॉबिंग नहीं करने की शर्त रखी गई है ।
💰 कमाई और सामाजिक प्रतिबद्धता
- यह भूमिका पार्ट‑टाइम होगी, और Sunak का पगार Richmond Project को दान किया जाएगा — जो उनकी पत्नी Akshata Murty के साथ शुरू की एक चैरिटी है, जिसका उद्देश्य यूंके में गणित शिक्षा को सशक्त बनाना है
📜 करियर का परिपूर्ण चक्र
- Sunak ने 2000–2004 तक गोल्डमैन सैक्स में काम किया था (summer intern से analyst तक)
- बाद में उन्होंने वित्तीय जगत को छोड़कर राजनीति में पदार्पण किया, 2015 में MP चुने गए, फिर Chancellor और अंततः 2022–2024 तक PM बने
🌐 प्रेस की प्रतिक्रिया और हास्य प्रेमी सोशल मीडिया
- NDTV समेत कई मीडिया आउटलेट्स ने बताया कि X (पूर्व ट्विटर) पर Sunak के “70 घंटे/सप्ताह” काम करने की चर्चित सलाह को लेकर मीम्स का सिलसिला चल पड़ा है वहीं कुछ ने उनकी चैरिटेबल निर्णय की भी सराहना की है।
🔎 क्यों है यह महत्वपूर्ण?
- Sunak की वापसी इंगित करती है राजनीति और फाइनेंस सेक्टर के बीच बढ़ती कड़ी, जहां नीतिकारों को अब सलाहकार की भूमिका में देखा जा रहा है।
- उनकी राजनीतिक और आर्थिक समझ गोल्डमैन को वैश्विक आयाम वाली चुनौतियों में मदद दे सकती है।
- UK में पुराने नियमों (ACoba) के तहत दो दशक तक राजनीतिक दखल से सुरक्षा सुनिश्चित हुई है।
🔚 निष्कर्ष:
Rishi Sunak का गोल्डमैन सैक्स में शामिल होना सिर्फ एक नया प्रोफेशनल स्टेप नहीं, बल्कि यह राजनीति से फाइनेंस तक उनका व्यापक प्रभाव दर्शाता है। पैशनेटली वह पगार चैरिटी देने का फैसला कर चुके हैं—जिससे उनके ‘service over self’ के मूल्य स्पष्ट होते हैं।
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