2025 में भारत में रियल एस्टेट के परिप्रेक्ष्य में किराए पर घर लेने और खरीदने के बीच का अंतर और भी स्पष्ट हो गया है। ब्याज दरों में उतार-चढ़ाव, संपत्ति मूल्यों में वृद्धि, और जीवनशैली में बदलाव ने इस निर्णय को और भी महत्वपूर्ण बना दिया है। आइए, दोनों विकल्पों के फायदे और नुकसान पर एक नज़र डालते हैं।
🏡 घर खरीदने के फायदे
- लंबी अवधि में संपत्ति मूल्य में वृद्धि: भारत में रियल एस्टेट की कीमतें 2025 में औसतन 6.5% बढ़ने की संभावना है, जो इसे एक आकर्षक निवेश विकल्प बनाती है।
- टैक्स लाभ: घर खरीदने पर धारा 80C और धारा 24(b) के तहत टैक्स में छूट मिलती है, जिससे वित्तीय बोझ कम होता है।
- स्थिरता और संपत्ति निर्माण: EMI का भुगतान करते समय आप किराएदार की बजाय संपत्ति के मालिक बनते हैं, जिससे संपत्ति निर्माण होता है।
🏘️ किराए पर घर लेने के फायदे
- लचीलापन और कम प्रारंभिक खर्च: किराए पर रहने से स्थान बदलने की सुविधा मिलती है और डाउन पेमेंट, स्टांप ड्यूटी जैसे खर्चों से बचा जा सकता है।
- कम वित्तीय जोखिम: ब्याज दरों में वृद्धि और संपत्ति मूल्य में उतार-चढ़ाव से बचाव होता है।
- आधुनिक जीवनशैली के अनुरूप: को-लिविंग और हाइब्रिड वर्क मॉडल के कारण किराए पर रहने की प्रवृत्ति बढ़ी है।
📊 2025 में क्या चुनें?

- कम बजट और लचीलापन चाहने वालों के लिए: किराए पर घर लेना उपयुक्त है।
- लंबी अवधि के लिए स्थिरता और संपत्ति निर्माण की सोच रखने वालों के लिए: घर खरीदना बेहतर विकल्प हो सकता है।
🔍 निष्कर्ष: यदि आप स्थिरता, संपत्ति निर्माण, और टैक्स लाभ की ओर देख रहे हैं, तो घर खरीदना फायदेमंद हो सकता है। वहीं, यदि आप लचीलापन, कम प्रारंभिक खर्च, और कम वित्तीय जोखिम की ओर अग्रसर हैं, तो किराए पर घर लेना उपयुक्त रहेगा।
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