भारत दुनिया में सबसे ज़्यादा रेमिटेंस (Remittances) पाने वाला देश है। लाखों NRI हर साल अरबों डॉलर भारत भेजते हैं। 2026 में यह ट्रेंड और भी मज़बूत होगा, लेकिन इसके तरीके और टेक्नोलॉजी बदल जाएंगे।
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पारंपरिक तरीका: बैंक और मनी ट्रांसफर कंपनियां

आज भी बहुत से NRI बैंक ट्रांसफर, SWIFT और मनी ट्रांसफर एजेंसियों (जैसे Western Union, MoneyGram) का उपयोग करते हैं। लेकिन 2026 तक ये तरीके धीरे-धीरे डिजिटल और सस्ते विकल्पों से रिप्लेस हो जाएंगे।
2026 में NRI पैसा भेजने के नए तरीके
1. UPI Global Integration

- भारत का UPI (Unified Payments Interface) पहले ही कई देशों से जुड़ चुका है।
- 2026 तक NRI सीधे UPI ऐप्स से अपने भारतीय बैंक अकाउंट में पैसा भेज पाएंगे।
- इससे ट्रांसफर फटाफट और बिना ज्यादा फीस के होगा।
2. ब्लॉकचेन और क्रिप्टो रेमिटेंस

- ब्लॉकचेन आधारित क्रिप्टोकरेंसी और स्टेबलकॉइन रेमिटेंस को बेहद आसान बनाएंगे।
- 2026 तक कई देश सरकार द्वारा नियंत्रित CBDC (Central Bank Digital Currency) को अपनाएंगे।
- इससे पैसा भेजना होगा तेज़, सुरक्षित और पारदर्शी।
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3. नियो-बैंक और फिनटेक प्लेटफॉर्म

- NRI के लिए खास नियो-बैंक और ऐप्स उभरेंगे, जो सिर्फ रेमिटेंस पर फोकस करेंगे।
- ये प्लेटफॉर्म कम एक्सचेंज रेट मार्जिन और 24×7 ट्रांसफर देंगे।
4. AI और स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स

- AI-आधारित ट्रांज़ैक्शन रूटिंग से पैसा भेजने की लागत और समय घटेगा।
- स्मार्ट कॉन्ट्रैक्ट्स से NRI सीधे परिवार के डिजिटल वॉलेट में पैसा भेज पाएंगे।
2026 में भारतीय अर्थव्यवस्था पर असर

- रेमिटेंस फ्लो बढ़कर $120 बिलियन से ऊपर जाने की संभावना है।
- ग्रामीण और सेमी-शहरी इलाकों तक पैसा फटाफट और डिजिटल रूप में पहुंचेगा।
- इससे डिजिटल फाइनेंशियल इकोसिस्टम और मजबूत होगा।
निष्कर्ष
2026 में NRI के लिए भारत पैसा भेजना और आसान, तेज़ और सस्ता हो जाएगा।
- UPI Global, CBDC, क्रिप्टो और नियो-बैंकिंग इस बदलाव की रीढ़ बनेंगे।
- आने वाले सालों में भारत का रेमिटेंस सिस्टम पूरी तरह डिजिटल और स्मार्ट हो जाएगा।
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