जानिए कैसे REITs और InvITs भारत में छोटे निवेशकों के लिए रियल एस्टेट और इंफ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में नए निवेश अवसर खोल रहे हैं।
2025 में भारत का रियल एस्टेट सेक्टर एक नए दौर में प्रवेश कर रहा है — जहाँ अब छोटे निवेशक भी बड़े कमर्शियल प्रॉपर्टी और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स में हिस्सा ले सकते हैं।
इस बदलाव के केंद्र में हैं REITs (Real Estate Investment Trusts) और InvITs (Infrastructure Investment Trusts) — जो पारंपरिक प्रॉपर्टी खरीद से आसान, पारदर्शी और सुलभ निवेश विकल्प बन चुके हैं।
🏗️ REITs और InvITs क्या हैं?
🏢 REIT (Real Estate Investment Trust)

REIT एक ऐसा प्लेटफॉर्म है जो निवेशकों से पैसा इकट्ठा कर commercial properties (offices, malls, IT parks) में निवेश करता है।
निवेशक को इसके बदले rent income और capital appreciation का लाभ मिलता है।
🚧 InvIT (Infrastructure Investment Trust)

InvITs मुख्यतः roads, power transmission, telecom towers और renewable projects जैसे sectors में निवेश करते हैं।
इनसे निवेशकों को regular income और long-term returns मिलते हैं।
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💡 क्यों बन रहे हैं REITs और InvITs लोकप्रिय?

- 💰 कम पूंजी में बड़ा निवेश अवसर – अब सिर्फ ₹10,000–₹15,000 से रियल एस्टेट में हिस्सा संभव।
- 📈 स्टॉक मार्केट जैसा liquidity – SEBI-listed होने के कारण आप आसानी से units खरीद/बेच सकते हैं।
- 🧾 टैक्स लाभ और नियमित आय – rental income और dividends दोनों का फायदा।
- 🏦 पारदर्शिता और सुरक्षा – SEBI द्वारा नियामित (regulated) और audited reports।
- 🌍 Institutional participation – विदेशी और घरेलू निवेशकों की बढ़ती रुचि से भरोसा बढ़ा है।
🇮🇳 भारत में REITs & InvITs का 2025 ट्रेंड

- 2025 में भारत में लगभग ₹1.5 लाख करोड़ से अधिक का REITs और InvITs मार्केट होने का अनुमान है।
- DLF, Brookfield, Embassy, PowerGrid, IRB Infrastructure जैसी कंपनियाँ इसमें प्रमुख भूमिका निभा रही हैं।
- सरकार और SEBI retail participation को बढ़ावा देने के लिए नए नीतिगत बदलावों पर काम कर रहे हैं।
- छोटे निवेशकों के लिए यह सेक्टर अब mutual funds के समान आसान बनता जा रहा है।
🔮 भविष्य की संभावनाएँ (Future Outlook)

- 2026 तक InvITs और REITs से smart city projects और green infrastructure funding को बढ़ावा मिलेगा।
- डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म और mobile trading apps के जरिए इन ट्रस्टों में निवेश और भी सरल होगा।
- Retail investors के लिए यह “Next Big Asset Class” साबित हो सकता है।
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