अनिरुद्धाचार्य और प्रेमानंद महाराज की महिलाओं पर की गई विवादित टिप्पणियाँ सोशल मीडिया पर वायरल हो गई हैं। जानिए पूरा विवाद, प्रतिक्रियाएं और धार्मिक नेताओं की सफाई इस विस्तृत रिपोर्ट में।
🔥 विवाद की शुरुआत: अनिरुद्धाचार्य की टिप्पणी
मशहूर कथावाचक अनिरुद्धाचार्य (Aniruddhacharya) का एक प्रवचन सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कहा:
“25 साल की लड़कियाँ कई पुरुषों से मिल चुकी होती हैं, ऐसी लड़कियाँ घर की बहू नहीं बन सकतीं।”
इस टिप्पणी को लेकर Bar Association द्वारा शिकायत दर्ज की गई और महिला संगठनों ने आपत्ति जताई। बाद में अनिरुद्धाचार्य ने सफाई दी कि:
- उनका इरादा “कुछ लड़कियों” के संदर्भ में था।
- वीडियो को एडिट करके गलत तरीके से पेश किया गया।
- उन्होंने यह भी कहा कि यदि किसी को ठेस पहुँची हो तो वह माफ़ी माँगते हैं।
🧨 Premanand Maharaj का पलटवार: “सिर्फ 2-4 लड़कियाँ ही पवित्र हैं”
इस पूरे प्रकरण के बीच वृंदावन के प्रमुख संत प्रेमानंद महाराज ने कहा:
“आज के समय में 100 में से सिर्फ 2–4 लड़कियाँ ही पवित्र जीवन जीती हैं। जो लड़का चार लड़कियों से मिल चुका हो, वह अच्छा पति नहीं बन सकता।”
इस बयान से नारी विरोधी मानसिकता पर सवाल खड़े हो गए।
💬 सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया

- सोशल मीडिया यूज़र्स ने दोनों संतों को misogynist, sexist और patriarchal सोच का प्रतीक बताया।
- Twitter, Instagram और YouTube पर विरोध दर्ज कराया गया और कई महिला संगठन आगे आए।
⚖️ कानूनी और सामाजिक असर
- MP Bar Association ने अनिरुद्धाचार्य पर कड़ी आपत्ति जताई है।
- प्रेमानंद महाराज पर भी अब लोकल महिला संगठनों ने मोर्चा खोला है।
📚 निष्कर्ष
इन दोनों संतों के बयानों ने एक बड़ी सामाजिक बहस को जन्म दिया है — क्या धार्मिक प्रवचनों में महिलाओं पर ऐसी टिप्पणियाँ स्वीकार्य हैं? क्या ऐसे संतों को सार्वजनिक मंचों से संयमित भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए?
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