PM रन मोदी सरकार की जनधन योजना ने अगस्त 2025 तक 53.13 करोड़ खाते खोले—₹2.63 लाख करोड़ जमा। इस वर्ष 3 करोड़ नए खाते खोलने का लक्ष्य और re‑KYC अभियान प्रस्तावित है।
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प्रधानमंत्री जनधन योजना: ताज़ा अपडेट — अगस्त 2025
प्रधानमंत्री जनधन योजना (PMJDY) ने वित्तीय समावेशन को गहराई से प्रभावित किया है। यहाँ इसके सौ दिनों के नवीनतम आँकड़े और अपडेट्स उपलब्ध हैं:
10वीं वर्षगांठ: आकड़े क्या कहते हैं?
- अगस्त 2024 तक 53.13 करोड़ जनधन खाते खोले जा चुके थे, जिसमें 2.3 लाख करोड़ रुपये जमा हैं।
- महिलाओं की हिस्सेदारी: लगभग 55% खाते महिलाओं के नाम पर हैं।
- ग्रामीण व अर्ध-शहरी प्रभाव: खाता धारकों का 66.6% हिस्सा ग्रामीण/अर्ध‑शहरी क्षेत्र से है।
FY 2024–25: नई ऊँचाइयाँ छू रही योजना
- वित्त वर्ष 2025 में, सरकार का लक्ष्य 3 करोड़ नए जनधन खाते खोलना है।
- जमा राशि में वृद्धि: अप्रैल 2025 तक जमा राशि बढ़कर ₹2.63 लाख करोड़ हो गई है।
यानी लगभग ₹4,760 प्रति खाता बैलेंस की औसत वृद्धि देखने को मिली है।
रीय-केवाईसी — ज़रूरी अपडेट
- PMJDY के दस वर्ष पूरे होने पर banks re-KYC को अनिवार्य कर रहे हैं।
1 जुलाई से 30 सितंबर 2025 तक Panchayat स्तर पर Re-KYC Camps आयोजित किए जा रहे हैं। - पीएम मोदी ने भी खाता धारकों से अपील की है कि वे अपने Jan-Dhan खाते का KYC समय पर पूरा करें — अन्यथा खाता बंद हो सकता है।
संक्षेप तालिका
विषय | अपडेट |
---|---|
कुल खाते (अगस्त 2024) | 53.13 करोड़ |
जमा राशि | ₹2.3 लाख करोड़ (जुलाई 2024), ₹2.63 लाख करोड़ (अप्रैल 2025) |
नए खाते (FY 2024–25 लक्ष्य) | 3 करोड़ |
महिलाओं की हिस्सेदारी | लगभग 55% |
ग्रामीण/अर्ध‑शहरी खाता धारक | 66.6% |
re‑KYC समयसीमा | 1 जुलाई – 30 सितंबर 2025 |
निष्कर्ष
PMJDY अब केवल बैंक अकाउंट स्कीम नहीं रही, यह भारत में आर्थिक सम्मिलन और डिजिटल वित्तीय सशक्तिकरण का आधार बन चुकी है।
इसकी मजबूती:
- महिलाओं एवं ग्रामीणों तक बैंकिंग पहुँच ने बढ़ाई है।
- जमा राशि में लगातार वृद्धि ने योजना को वित्तीय विश्वास दिलाया है।
- Re‑KYC अभियान से पारदर्शिता और वैधानिकता सुनिश्चित की जा रही है।
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