पोषण 2.0 योजना, जिसे ‘सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0’ के नाम से भी जाना जाता है, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और धात्री माताओं में कुपोषण की समस्या को समाप्त करना है। यह योजना महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 2021 में लॉन्च की गई थी और 2025 तक इसे प्रभावी रूप से लागू किया जा रहा है।
🧒 बच्चों के लिए नई पहलें
- सप्लीमेंट्री न्यूट्रिशन प्रोग्राम (SNP):
- लाभार्थी: 6 महीने से 6 वर्ष तक के बच्चे
- लाभ: बच्चों को पोषणयुक्त आहार प्रदान किया जाता है जिससे उनका शारीरिक और मानसिक विकास सुनिश्चित होता है।
- विकास निगरानी उपकरण:
- उपकरण: इन्फेंटोमीटर, स्टेडियोमीटर, और वजन मापने की मशीनें
- लाभ: बच्चों के विकास की नियमित निगरानी की जाती है जिससे समय पर हस्तक्षेप संभव हो सके।
- आंगनवाड़ी केंद्रों का आधुनिकीकरण:
- उद्देश्य: आंगनवाड़ी केंद्रों को बच्चों के लिए आकर्षक और सुरक्षित स्थान बनाना
- लाभ: बच्चों को बेहतर शिक्षा और देखभाल मिलती है।
👧 किशोरियों के लिए नई पहलें
- किशोरी बालिका योजना:
- लाभार्थी: 14 से 18 वर्ष की किशोरियाँ
- लाभ: किशोरियों को पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में समर्थन प्रदान किया जाता है जिससे उनका समग्र विकास सुनिश्चित हो सके।
- एनीमिया नियंत्रण अभियान:
- उद्देश्य: किशोरियों में एनीमिया की समस्या को कम करना
- रणनीति: आयरन और फोलिक एसिड की गोलियाँ, नियमित स्वास्थ्य जांच, और जागरूकता अभियान।
- स्वास्थ्य और पोषण शिक्षा:
- उद्देश्य: किशोरियों को स्वच्छता, पोषण और मानसिक स्वास्थ्य के बारे में जागरूक करना
- लाभ: किशोरियाँ अपने स्वास्थ्य और कल्याण के प्रति सजग होती हैं।
📊 पोषण 2.0 की प्रमुख उपलब्धियाँ
- आंगनवाड़ी केंद्रों का आधुनिकीकरण:
- उद्देश्य: आंगनवाड़ी केंद्रों को बच्चों और किशोरियों के लिए उपयुक्त स्थान बनाना
- लाभ: बच्चों और किशोरियों को बेहतर शिक्षा और देखभाल मिलती है।
- पोषण ट्रैकर का उपयोग:
- उद्देश्य: पोषण सेवाओं की निगरानी और मूल्यांकन
- लाभ: सेवाओं की गुणवत्ता में सुधार और पारदर्शिता सुनिश्चित होती है।
- समुदाय आधारित प्रबंधन:
- उद्देश्य: समुदाय की भागीदारी से पोषण सेवाओं का प्रभावी कार्यान्वयन
- लाभ: समुदाय की जागरूकता बढ़ती है और सेवाओं की पहुंच में सुधार होता है।
🎯 निष्कर्ष
पोषण 2.0 योजना ने बच्चों और किशोरियों के पोषण, स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में महत्वपूर्ण सुधार किए हैं। इसके तहत की गई पहलों से न केवल कुपोषण की समस्या में कमी आई है, बल्कि बच्चों और किशोरियों का समग्र विकास भी सुनिश्चित हुआ है। यह योजना भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जो भविष्य में और भी प्रभावी रूप से लागू की जाएगी।
नोट: यह ब्लॉग केवल जानकारी और शैक्षिक उद्देश्यों के लिए है। योजनाओं और लाभों में समय के साथ बदलाव हो सकते हैं। नवीनतम जानकारी के लिए संबंधित सरकारी पोर्टल या अधिकारियों से संपर्क करें।
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