जानें पोषण 2.0 योजना 2025 के तहत किशोरियों और बच्चों के लिए नई पहल, आंगनवाड़ी सेवाओं में सुधार, पोषण ट्रैकर और डिजिटल निगरानी के जरिए स्वास्थ्य और पोषण लाभ।
पोषण 2.0 योजना, जिसे आधिकारिक रूप से “सक्षम आंगनवाड़ी और पोषण 2.0” कहा जाता है, भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है जिसका उद्देश्य बच्चों, किशोरियों, गर्भवती महिलाओं और स्तनपान कराने वाली माताओं में कुपोषण की समस्या को दूर करना है। यह योजना 2021-2026 की अवधि के लिए स्वीकृत की गई है और इसका संचालन महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा किया जा रहा है। Press Information Bureau
🧒 किशोरियों और बच्चों के लिए नई पहल
1. किशोरियों के लिए पोषण समर्थन:
- लक्ष्य समूह: 14 से 18 वर्ष की किशोरियाँ, विशेषकर आकांक्षी जिलों और उत्तर-पूर्वी राज्यों में।
- प्रदान की जाने वाली सेवाएँ: पोषक आहार, आयरन और फोलिक एसिड की गोलियाँ, स्वास्थ्य जांच, पोषण शिक्षा, और कौशल विकास के अवसर।
2. बच्चों के लिए पोषण और शिक्षा:
- आंगनवाड़ी सेवाएँ: 6 महीने से 6 वर्ष तक के बच्चों के लिए पूरक पोषण, प्रारंभिक बाल देखभाल और शिक्षा, टीकाकरण, स्वास्थ्य जांच, और रेफरल सेवाएँ।
- आधुनिक आंगनवाड़ी केंद्र: 2 लाख आंगनवाड़ी केंद्रों को अपग्रेड किया जा रहा है, जिसमें इंटरनेट/Wi-Fi, LED स्क्रीन, RO मशीन, स्मार्ट लर्निंग उपकरण, और पोषण वाटिकाएँ शामिल हैं।
📊 पोषण ट्रैकर और डिजिटल निगरानी
पोषण ट्रैकर एक ICT-आधारित टूल है जिसका उद्देश्य पोषण वितरण की निगरानी और ट्रैकिंग करना है। यह प्रणाली QR कोड, SMS अलर्ट्स, और फेस रिकग्निशन जैसी तकनीकों का उपयोग करती है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि लाभार्थियों को समय पर और सही पोषण सेवाएँ मिलें।
💰 बजट और वित्तीय समर्थन
2025-26 के केंद्रीय बजट में पोषण 2.0 योजना के लिए ₹21,960 करोड़ (लगभग $2.57 बिलियन) का आवंटन किया गया है। इसमें से ₹665.65 करोड़ का बजट हरियाणा राज्य में पोषण सेवाओं के विस्तार के लिए स्वीकृत किया गया है, जिसमें स्कूलों में पोषण बढ़ाने के लिए विभिन्न पहलें शामिल हैं।
यदि आप इस योजना के तहत आवेदन करना चाहते हैं या अधिक जानकारी प्राप्त करना चाहते हैं, तो कृपया संबंधित विभाग की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
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