पेट थेरेपी 2025 लेटेस्ट अपडेट: जानें कैसे पालतू जानवर मानसिक स्वास्थ्य में सहारा बन रहे हैं। तनाव कम करने, डिप्रेशन से राहत और सामाजिक जुड़ाव में पेट थेरेपी की भूमिका।
आज के तनावपूर्ण और तेज़-तर्रार जीवन में मानसिक स्वास्थ्य पर ध्यान देना बेहद ज़रूरी है। इसी संदर्भ में पेट थेरेपी (Pet Therapy) एक नया और प्रभावी समाधान बनकर उभर रही है। 2025 में भारत सहित दुनिया भर में लोग पालतू जानवरों के साथ समय बिताकर मानसिक शांति और तनाव कम करने के तरीकों को अपना रहे हैं।
पेट थेरेपी क्या है?
पेट थेरेपी एक ऐसी चिकित्सीय पद्धति है जिसमें कुत्ते, बिल्ली, खरगोश या अन्य पालतू जानवरों की मदद से व्यक्ति को भावनात्मक और मानसिक सहारा दिया जाता है।
पेट थेरेपी के मानसिक स्वास्थ्य पर लाभ
- तनाव और चिंता कम करना
- पालतू जानवर के साथ समय बिताने से Cortisol (Stress Hormone) कम होता है।
- मूड अच्छा होता है और Relaxation मिलता है।
- डिप्रेशन से राहत
- पालतू जानवर संग बातचीत और खेल से सकारात्मक भावनाएं विकसित होती हैं।
- सामाजिक जुड़ाव में मदद
- पालतू जानवर के माध्यम से लोग एक-दूसरे से जुड़ते हैं।
- अकेलापन और Social Isolation कम होता है।
- मनोवैज्ञानिक सहारा
- बच्चे, बुजुर्ग और विशेष आवश्यकताओं वाले लोगों के लिए भावनात्मक स्थिरता प्रदान करता है।
2025 में पेट थेरेपी का विस्तार
- हॉस्पिटल और हेल्थकेयर सेंटर अब पालतू जानवरों को मानसिक स्वास्थ्य कार्यक्रमों में शामिल कर रहे हैं।
- कॉर्पोरेट ऑफिसेस में वर्कप्लेस वेलनेस प्रोग्राम का हिस्सा बन रही है पेट थेरेपी।
- ऑनलाइन Pet Therapy Sessions भी बढ़ रहे हैं, जहाँ वीडियो कॉल के माध्यम से पालतू जानवरों से इंटरैक्शन कराया जाता है।
भारत में पेट थेरेपी हेल्पलाइन और सपोर्ट
- राष्ट्रीय मानसिक स्वास्थ्य हेल्पलाइन – 1800-599-0019 (KIRAN Helpline)
- कई NGOs और Pet Care Organizations अब Pet Adoption और Therapy Programs चला रहे हैं।
✅ निष्कर्ष
2025 में पेट थेरेपी सिर्फ एक ट्रेंड नहीं बल्कि मानसिक स्वास्थ्य देखभाल का अहम हिस्सा बन चुकी है। पालतू जानवर हमारी तनावमुक्त, संतुलित और खुशहाल जिंदगी के साथी साबित हो रहे हैं।
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