वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 11 अगस्त 2025 को संसद में संशोधित आयकर विधेयक (संख्या 2) 2025 पेश किया, जिसे तुरंत ही लोकसभा में पारित कर दिया गया। यह विधेयक 1961 के पुराने आयकर अधिनियम की जगह लेगा और कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाताओं के अनुकूल बनाने का उद्देश्य रखता है।
🧾 विधेयक की मुख्य विशेषताएँ
- धाराओं की संख्या में कमी
नए विधेयक में धाराओं की संख्या 819 से घटाकर 536 कर दी गई है, जिससे करदाताओं के लिए नियमों को समझना और पालन करना आसान होगा। - करदाताओं के अधिकारों का संरक्षण
विधेयक में ‘करदाता चार्टर’ शामिल किया गया है, जो करदाताओं के अधिकारों और दायित्वों को स्पष्ट रूप से परिभाषित करता है। - टीडीएस रिफंड में लचीलापन
अब करदाता आईटीआर दाखिल किए बिना भी टीडीएस रिफंड का दावा कर सकेंगे, जिससे प्रक्रिया सरल होगी। - शून्य टीडीएस सर्टिफिकेट की सुविधा
करदाता शून्य टीडीएस सर्टिफिकेट प्राप्त कर सकेंगे, जिससे उनकी आय पर कर नहीं कटेगा। - एकमुश्त पेंशन निकासी पर कर छूट
नए विधेयक में एकमुश्त पेंशन निकासी पर कर छूट की व्यवस्था की गई है, जिससे पेंशनधारकों को लाभ होगा।
📅 लागू होने की तिथि
यह विधेयक 1 अप्रैल 2026 से लागू होने की संभावना है, जिससे करदाताओं को नए नियमों के अनुसार तैयारी करने का समय मिलेगा।
✅ निष्कर्ष
नया आयकर विधेयक 2025 करदाताओं के लिए कई महत्वपूर्ण सुधार लेकर आया है, जो कर प्रणाली को सरल, पारदर्शी और करदाताओं के अनुकूल बनाएंगे। यह विधेयक न केवल करदाताओं के लिए राहत प्रदान करेगा, बल्कि देश की अर्थव्यवस्था को भी सुदृढ़ करेगा।
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