भारत सरकार ने NFSM का नाम बदलकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (NFSNM) कर दिया है। योजना के तहत बीज सब्सिडी बढ़ाई गई है, पंचायत स्तर पर बीज इकाइयाँ बनाई जाएंगी और डिजिटल निगरानी प्रणाली लागू की गई है।
Contents
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (NFSNM) — नवीनतम अपडेट (2025)
1. नाम में बदलाव और फोकस रीऑरिएंटेशन
- वर्ष 2024–25 के दौरान योजना का नाम राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन (NFSM) से बदलकर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (NFSNM) कर दिया गया। यह बदलाव पोषण (Nutrition) पर विशेष ध्यान को दर्शाता है, न केवल उत्पादन पर।
2. बीज प्रौद्योगिकी में सुधार और सब्सिडी वृद्धि
- योजना में पारंपरिक और देशी बीज किस्मों को बढ़ावा देने का लक्ष्य रखा गया है।
- बीज उत्पादन और वितरण के लिए सब्सिडी बढ़ाई गई है और पंचायत स्तर पर बीज प्रसंस्करण तथा भंडारण इकाइयाँ स्थापित करने की योजना है।
- यह पहल किसानों के लिए बेहतर गुणवत्ता और सूक्ष्मता से कृषि को सशक्त करने का मार्ग प्रस्तुत करती है।
3. डिजिटल मोनिटरिंग और पारदर्शिता
- योजना को Krishi Mapper और Saathi Portal जैसे डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के माध्यम से मॉनिटर किया जाएगा, जिससे कार्यान्वयन और पारदर्शिता बढ़ेगी।
4. अग्रणी हल्के-बीज (SRR) और विविधता दर (VRR) में सुधार
- बीज प्रतिस्थापन दर (SRR) और विविधता प्रतिस्थापन दर (VRR) को बेहतर बनाकर, किसान टिकाऊ, उच्च-उपज और जलवायु-उत्तरदायी किस्मों तक पहुंच सकेंगे।
5. क्रॉप और मृदा स्वास्थ्य सुधार
- योजना का उद्देश्य चावल, गेहूं, दालें, मक्का, ज्वार और पोषक अनाज जैसे फसलों के उत्पादन में वृद्धि करना, मृदा उर्वरता बढ़ाना, और पर्याप्त लाभ सुनिश्चित करना है।
सारांश तालिका
पहलू | जानकारी |
---|---|
योजना का नया नाम | NFSM → NFSNM (पोषण पर फोकस) |
मुख्य सुधार | बीज सब्सिडी, पारंपरिक किस्में, पंचायत बीज इकाइयाँ |
डिजिटल निगरानी | Krishi Mapper, Saathi Portal |
लक्ष्य | उच्च बीज प्रतिस्थापन, पोषक और मुख्य फसल उत्पादन वृद्धि |
उद्देश्य | भूमि एवं फसल स्वास्थ्य, लाभकारी कृषि सुधार |
निष्कर्ष
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और पोषण मिशन (NFSNM) ने अब अपने मूल उत्पादन आधारित लक्ष्य से परे जाकर पोषण और पारदर्शिता पर ज़ोर दिया है।
- पारंपरिक किस्मों को संरक्षित कर उनका संवर्धन,
- पंचायत स्तर पर बीज संरचना और,
- डिजिटल सिस्टम के माध्यम से निगरानी—यह सभी पहल किसान समावेशन को सशक्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।
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