भारत में मेट्रो नेटवर्क का तेजी से विस्तार हो रहा है, जिससे शहरी परिवहन में सुधार और यातायात की भीड़-भाड़ में कमी आ रही है। 2025 में कई प्रमुख शहरों में मेट्रो परियोजनाओं के उद्घाटन और विस्तार से लाखों नागरिकों को लाभ होगा।
Contents
📍 प्रमुख मेट्रो परियोजनाएँ और लाभार्थी शहर
1. पटना मेट्रो (पार्टी ब्लू लाइन)
- लाभार्थी: पटना, बिहार
- विस्तार: पहली फेज़ में 6.1 किमी का प्राथमिक कॉरिडोर अगस्त 2025 में शुरू होगा।
- लाभ: शहर के प्रमुख क्षेत्रों को जोड़ने से यातायात की भीड़ में कमी आएगी और यात्रा समय में सुधार होगा।
2. लखनऊ मेट्रो (ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर)
- लाभार्थी: लखनऊ, उत्तर प्रदेश
- विस्तार: चारबाग से वसंत कुंज तक 11.165 किमी का कॉरिडोर ₹5,801 करोड़ की लागत से विकसित किया जाएगा।
- लाभ: पुराने शहर क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार और पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
3. ठाणे मेट्रो (ठाणे रिंग मेट्रो)
- लाभार्थी: ठाणे, महाराष्ट्र
- विस्तार: 29 किमी लंबी रिंग मेट्रो लाइन 2029 तक चालू होने की उम्मीद है।
- लाभ: शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने से यातायात की भीड़ में कमी आएगी और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
4. गुरुग्राम मेट्रो (फेज़-1)
- लाभार्थी: गुरुग्राम, हरियाणा
- विस्तार: 15.2 किमी लंबी मेट्रो लाइन का निर्माण ₹1,503 करोड़ की लागत से किया जाएगा।
- लाभ: नए और पुराने गुरुग्राम क्षेत्रों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
5. दिल्ली मेट्रो (फेज़-4 और प्रस्तावित फेज़-5)
- लाभार्थी: दिल्ली और एनसीआर क्षेत्र
- विस्तार: फेज़-4 में 112 किमी और प्रस्तावित फेज़-5 में 18 नए कॉरिडोर शामिल हैं।
- लाभ: दिल्ली मेट्रो दुनिया का सबसे बड़ा एकल-सिटी नेटवर्क बनेगा, जिससे यातायात की भीड़ में कमी आएगी।
6. कोयंबटूर मेट्रो (फेज़-1)
- लाभार्थी: कोयंबटूर, तमिलनाडु
- विस्तार: 39 किमी लंबी मेट्रो लाइन 2027 तक चालू होने की उम्मीद है।
- लाभ: शहर के विभिन्न हिस्सों को जोड़ने से यातायात की भीड़ में कमी आएगी और कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
7. पुणे मेट्रो (स्वर्गेट से कात्रज)
- लाभार्थी: पुणे, महाराष्ट्र
- विस्तार: 5.46 किमी लंबी मेट्रो लाइन 2029 तक चालू होने की उम्मीद है।
- लाभ: शहर के दक्षिणी हिस्सों की कनेक्टिविटी में सुधार होगा।
🧭 निष्कर्ष
भारत में मेट्रो नेटवर्क का विस्तार शहरी परिवहन को सुलभ, तेज़ और पर्यावरण के अनुकूल बना रहा है। नए मेट्रो कॉरिडोर और परियोजनाएँ शहरों की कनेक्टिविटी में सुधार करेंगी, यातायात की भीड़ को कम करेंगी और आर्थिक विकास को बढ़ावा देंगी। निवेशकों और नागरिकों के लिए यह एक सकारात्मक संकेत है कि शहरी अवसंरचना में सुधार हो रहा है
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