भारत सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य से जुड़ी चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए Mental Health Care Act 2017 लागू किया। इसका उद्देश्य मानसिक रोगियों को सम्मानजनक इलाज, अधिकारों की सुरक्षा और समाज में समान अवसर प्रदान करना है।
📌 Mental Health Care Act 2017 – मुख्य बिंदु
1. मानसिक स्वास्थ्य का अधिकार
हर व्यक्ति को मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ और इलाज का अधिकार है, भले ही उसकी आर्थिक स्थिति कैसी भी हो।
2. सम्मान और गरिमा
मानसिक रोगियों के साथ किसी भी तरह का भेदभाव या अमानवीय व्यवहार प्रतिबंधित है।
3. मुफ्त इलाज का प्रावधान
गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले (BPL) और बेघर लोगों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज का अधिकार है।
4. Advance Directive (पहले से निर्देश देने का अधिकार)
मरीज यह तय कर सकता है कि भविष्य में उसका इलाज किस तरह हो और कौन-सा इलाज नहीं होना चाहिए।
5. Nominated Representative
मरीज अपने इलाज और फैसलों के लिए किसी प्रतिनिधि को नामित कर सकता है।
6. आत्महत्या अपराध नहीं
इस अधिनियम के अनुसार आत्महत्या का प्रयास अपराध नहीं माना जाएगा, बल्कि इसे मानसिक स्वास्थ्य समस्या के रूप में देखा जाएगा।
7. Community-based Rehabilitation
समुदाय स्तर पर मानसिक रोगियों की देखभाल और पुनर्वास की व्यवस्था।
🆕 हाल के अपडेट्स
- सरकार ने मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं को Digital Platforms से जोड़ने की दिशा में काम शुरू किया है।
- स्कूलों और कॉलेजों में मानसिक स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रमों को बढ़ावा दिया जा रहा है।
- टेली-मेंटल हेल्थ प्रोग्राम (Tele-MANAS) लॉन्च किया गया है ताकि ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों में भी परामर्श उपलब्ध हो सके।
🌟 निष्कर्ष
Mental Health Care Act 2017 भारत में मानसिक स्वास्थ्य सेवाओं और अधिकारों की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम है। यह न केवल रोगियों को सम्मान देता है बल्कि समाज को मानसिक स्वास्थ्य के महत्व को समझने के लिए प्रेरित करता है।
❓ FAQ – Mental Health Care Act 2017
Q1. Mental Health Care Act 2017 का मुख्य उद्देश्य क्या है?
इसका उद्देश्य मानसिक रोगियों को सम्मानजनक इलाज और उनके अधिकारों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
Q2. क्या इस अधिनियम के अनुसार आत्महत्या अपराध है?
नहीं, Mental Health Care Act 2017 के तहत आत्महत्या का प्रयास अपराध नहीं माना जाएगा, बल्कि इसे मानसिक स्वास्थ्य समस्या समझा जाएगा।
Q3. क्या गरीब और बेघर लोगों को मुफ्त मानसिक स्वास्थ्य सेवाएँ मिलती हैं?
हाँ, BPL और बेघर लोगों को सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज और दवाइयाँ उपलब्ध कराई जाती हैं।
Q4. Advance Directive का क्या मतलब है?
Advance Directive का मतलब है कि मरीज पहले से लिखकर बता सकता है कि भविष्य में उसका इलाज कैसे होना चाहिए और कौन-सा इलाज नहीं किया जाना चाहिए।
Q5. Tele-MANAS प्रोग्राम क्या है?
यह भारत सरकार की पहल है जिसके तहत ग्रामीण और दूरदराज़ इलाकों में रहने वाले लोग टेलीफोन और डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म के ज़रिए मानसिक स्वास्थ्य परामर्श ले सकते हैं।
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