2025 में मेक इन इंडिया अभियान ने रक्षा उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ तथा रक्षा निर्यात ₹21,083 करोड़ हासिल किए हैं। PLI कार्यक्रम के तहत ₹1.32 लाख करोड़ का निवेश हुआ, और इलेक्ट्रॉनिक्स, मोबाईल निर्माण समेत 8.5 लाख नौकरियाँ सृजित हुईं। जानिए सभी नवीनतम आंकड़े।
नवीनतम आंकड़े:
- रक्षा उत्पादन और निर्यात में भारी उछाल
FY 2023‑24 में रक्षा उत्पादन ₹1.27 लाख करोड़ था, जो 2014‑15 में ₹46,429 करोड़ से 174% अधिक है। रक्षा निर्यात ₹21,083 करोड़ तक पहुंचा, जो पिछले साल की तुलना में 32.5% अधिक है। - PLI योजना से मिली बड़ी सफलता
PLI स्कीम के तहत अब तक ₹1.32 लाख करोड़ का निवेश हुआ है, जिससे कुल उत्पादन ₹10.9 लाख करोड़ तक पहुंचा। इससे 8.5 लाख से ज्यादा नौकरियाँ बनी हैं — यह मेक इन इंडिया की ताकत दर्शाता है। - उद्योगों का विविध विस्तार
मोबाईल निर्माण सें भारत 2 यूनिट से बढ़कर 200 बन चुका है। निर्यात ₹1,556 करोड़ से बढ़कर ₹1.2 लाख करोड़ हुआ। अब भारत विश्व में दूसरा सबसे बड़ा मोबाईल निर्माता है। - ऊर्जा और हरित उद्योग
अक्षय ऊर्जा क्षेत्र में बढ़ोतरी 400% रही है। इलेक्ट्रॉनिक उत्पादन $115 बिलियन हो गया है। टॉय और खेल उपकरण निर्माण में भी उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। - भविष्य की तैयारी और चुनौतियाँ
हालांकि अभी भी निर्माण क्षेत्र का GDP में योगदान 17–18% के आसपास है—25% के लक्ष्य से थोड़ा पीछे। ज़मीन अधिग्रहण, वैश्विक आर्थिक दबाव और आपूर्ति श्रृंखला बाधाएँ चुनौतियाँ बनी हुई हैं।
सारांश तालिका
क्षेत्र | आंकड़ा / उपलब्धि |
---|---|
रक्षा उत्पादन | ₹1.27 लाख करोड़ (2023‑24) |
रक्षा निर्यात | ₹21,083 करोड़ |
PLI निवेश | ₹1.32 लाख करोड़; उत्पादन ₹10.9 लाख करोड़ |
रोजगार | 8.5 लाख नौकरियाँ |
मोबाईल निर्माण | 2 से बढ़कर 200 यूनिट; ₹1.2 लाख करोड़ निर्यात |
अक्षय ऊर्जा बढ़ोतरी | 400% |
निर्माण GDP हिस्सा | 17–18% (25% लक्ष्य से कम) |
निष्कर्ष:
मेक इन इंडिया मिशन 2025 में आत्मनिर्भरता और वैश्विक प्रतिस्पर्धात्मकता की दिशा में मजबूत कदम बढ़ा रहा है। रक्षा, मोबाईल, अक्षय ऊर्जा जैसे क्षेत्रों में प्रगति स्पष्ट है, और PLI स्कीम ने निवेश व रोजगार के नए आयाम खोले हैं।
फिर भी, GDP में निर्माण का योगदान तभी बढ़ेगा जब बुनियादी ढाँचे और बिजनेस कल्चर में और सुधार आए—ताकि ‘मेक इन इंडिया 2.0’ और सफल हो सके।
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