Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2 में Tulsi Virani की वापसी ने नॉस्टेल्जिया जगाया, लेकिन कहानी में नया मोड़ दर्शकों को अब भी इंतज़ार है।
🎞️ भावनाओं की वापसी लेकिन कहानी उन्नत नहीं
पहले एपिसोड में Smriti Irani, अपने आइकॉनिक किरदार Tulsi Virani में लौटी हैं। वापसी को भावनात्मक रूप से उत्साही माना गया, लेकिन इसके साथ साथ यह नॉस्टेल्जिया ही ज्यादा दिखा और नई कहानी की अनुपस्थिति स्पष्ट नजर आई। सोशल मीडिया पर दर्शकों ने इसे “nostalgic trip” बताया, लेकिन नेटक्रिटिक्स ने इसे “nothing more than nostalgia” करार दिया।
🎭 Tulsi–Mihir की पुनर्मिलन लेकिन कागज़ी ज़मीन
परिचित Virani परिवार की 38वीं सालगिरह के साथ कहानी शुरू होती है। लेकिन Tulsi और Mihir (Amar Upadhyay के रूप में) की जोड़ी पुराने आर-पार संवाद और पारिवारिक मुद्दों से आगे नहीं बढ़ती। मूडिंग, सेट और बैकग्राउंड स्कोर पुराने जमाने की याद दिलाते हैं, पर कथानक आधुनिक दृष्टिकोण के आधार पर कमजोर पड़ता है।
💬 दर्शकों की प्रतिक्रिया: आँसू और स्मृतियाँ
एक नेटिज़न ने लिखा:
“I was crying like a baby… so many memories with this title track…”
दर्शकों ने दिन भर सोशल मीडिया पर Tulsi की वापसी से जुड़ी पुरानी यादें साझा कीं, लेकिन साथ ही सूक्ष्म आलोचनाएँ भी कीं — जैसे कहानी का पुराना ढर्रा और चरित्रों की अपरिवर्तित संरचना।
🎥 नया दृष्टिकोण या पुरानी पुनरावृत्ति?
Ekta Kapoor ने संकेत दिया था कि यह रीबूट केवल nostalgia नहीं बल्कि वर्तमान सोच को प्रतिबिंबित करेगा—लेकिन फिलहाल यह promise प्राथमिक एपिसोड में अधूरा दिखाई देता है। India Today का लेख बताता है कि Tulsi का किरदार अधिक संवेदनशील, मानव और प्रासंगिक होना चाहिए—जो अभी पुस्तक की तरह नहीं, बल्कि मुख्य कथा का हिस्सा बने।
🤝 सम्मान और समर्पण के बीच संतुलन
India Forums ने इसे “reverence with relevance” का बेहतरीन उदाहरण माना है—जहां शो ने अपने मूल स्वरूप की श्रद्धांजलि दी है, साथ ही नई पीढ़ी के लिए संभावनाओं को भी संकेतित किया है। लेकिन अभी तक कथानक नये तमाम मुद्दों को लगभग नहीं छू रहा, सिर्फ जमे हुए ढर्रे की पुनरावृत्ति हो रही है।
✅ सारांश समीक्षा – Episode 1
बिंदु | निष्कर्ष |
---|---|
सकारात्मक पहलू | Smriti Irani की वापसी से भावनात्मक उत्साह; रंग, संगीत, दृश्य सभी पुराने जैसा महसूस कराते हैं. |
नकारात्मक पहलू | कथानक में बदलाव नहीं; Tulsi और परिवार की भूमिका पूर्ववत, आधुनिक संदर्भ से दूरी. |
दर्शक प्रतिक्रिया | Nostalgia बहे लेकिन साथ ही निराश टिप्पणियाँ—“कुछ नया बताओ” जैसी अपेक्षाएँ बनी हुईं. |
भविष्य की उम्मीद | सीमित समय की श्रृंखला में नई सोच, आंकिक आवाज़, और महिलाओं की प्रगति विषय जोड़कर रिबूट को सार्थक बनाए जाने की उम्मीद. |
🔭 भविष्य का पाठक दृष्टिकोण
- सशक्त कहानियाँ चाहिए हों तो Tulsi को सिर्फ आदर्श बहू ना दिखाएं—बल्कि उसकी संघर्ष यात्रा, स्वतंत्रता की खोज और आधुनिक परिवार में उसका सहज अधिकार दिखाएं।
- फेमिली ड्रामे के पार जाकर मुद्दों पर बातचीत होनी चाहिए—जैसे महिला ऑटोनॉमी, पीढ़ीयों का संघर्ष, लैंगिक दृष्टिकोणों में बदलाव आदि।
☑️ निष्कर्ष
“Kyunki Saas Bhi Kabhi Bahu Thi 2” पहली कड़ी में भावनात्मक पुनःजागरण लाती है, लेकिन नई दिशा की कमी से यह सिर्फ पुराने प्रेम का दर्पण प्रतीत होती है। प्रारंभिक अपील मजबूत है, लेकिन इसे आगे जारी रखने के लिए सब्स्टैंस की ज़रूरत है। यदि कहानी Tulsi और Virani परिवार को आधुनिक मूल्यों के साथ जोड़े, तो यह रीबूट केवल यादों का मेल नहीं बल्कि दर्शकों के नयापन की चाहत को भी पूरा कर सकता है।
Also Read;