इस वर्ष जन्माष्टमी व्यापक उत्साह और आध्यात्मिक भाव से मनाई जा रही है। भगवान कृष्ण के जन्मोत्सव को लेकर ये हैं मुख्य विवरण:
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पहली जानकारी: तिथि और मुहूर्त
- जन्माष्टमी शनिवार, 16 अगस्त 2025 को मनाई जाएगी, हालांकि कुछ पंथ इसे 15 की शाम से लेकर 16 तक मनाने का विधान मानते हैं।
- निशिता पूजा का शुभ मुहूर्त: 16 अगस्त, 12:04 AM से 12:47 AM तक, मध्यरात्रि 12:26 का समय इसे विशेष बनाता है।
दो सुरों का संगम:
- ISKCON संस्थान अलग से 16 अगस्त को अपने कार्यक्रम आयोजित कर रहा है, जिसमें दही-हांडी सहित अध्यात्मिक संध्या सम्मिलित है।
प्रमुख स्थानों पर आराधना की तैयारी
- मथुरा में जन्मभूमि श्रीमंदिर विशेष सजावट में रहेगा। सिंदूरी पुष्पों से सजाकर भक्तों का स्वागत तैयार किया गया है।
- वाराणसी ISKCON में 15 से 17 अगस्त तक तीन दिवसीय महोत्सव आयोजित हो रहा है। इसमें कीर्तन, कथा, कला और सांस्कृतिक संध्या शामिल हैं।
उपवास और आहार संबंधी सावधानियाँ
- भक्त विभिन्न तरीकों से व्रत रखते हैं—”निराहार व्रत” या “फलाहार व्रत” जैसे भक्तिपूर्ण विकल्प पसंद किए जाते हैं।
- 56 प्रस्थ भोज (छप्पन भोग), खासकर मक्खन-मिश्री, पंजिरी, माखाना, खीर, आदि मुख्य भोगों में शामिल हैं।
- स्वास्थ्य विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि उपवास के दौरान शीतल, साधारण और हाइड्रेटेड भोजन अपनाना चाहिए।
घर में पूजा सम्बन्धित शुभ सुझाव

- ज्योतिष के अनुसार, कुछ विशेष वस्तुएँ—जैसे तुळसी का पौधा, दही-खीर, दीप—घर में लाने से पुण्य और समृद्धि प्राप्ति का संकेत माना जाता है।
- वास्तु शास्त्रानुसार, ठाकुरघर सजाते समय दिशा और स्थान की सावधानी रखने से सौभाग्य बढ़ता है। पूजा स्थान को नीम, फूल और पारंपरिक झुन्डों से सजाना शुभ होता है।
अंतिम सारांश
पहलू | जानकारी |
---|---|
तिथि | 15–16 अगस्त 2025 |
मुख्य आयोजन | निशिता पूजा, ISKCON महोत्सव, जन्मभूमि सजावट |
उपवास और भोग | फलाहार, छप्पन भोग, स्वास्थ्यवर्धक भोजन |
घर पूजा सुझाव | वास्तु-शुद्ध सजावट, शुभ वस्तुओं का प्रयोग |
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